सर्दी नही बढऩे से किसानों की बढ़ी चिंता, फसले हो रही प्रभावित

सर्दी नही बढऩे से किसानों की बढ़ी चिंता, फसले हो रही प्रभावित

महेश देरासरी
महाजन । दिसम्बर माह के 15 दिन गुजर जाने के बाद भी मौसम का मिजाज आशा के अनुरूप नही बदलने से गेंहूँ,सरसो व चने की फसलें चौपट होने के कगार पर है। इस बार सर्दी कम होने से फसलों के विकास की रफ्तार मंदी पडऩे लगे गई है। जिससे किसानों के लिए चिंता को बढ़ा रही है। वहीं गर्म कपड़ों के व्यापारी भी मायूस दिखने लगे है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सरसों, गेहूं व चने की फसलों को इस समय ज्यादा ठंड की जरूरत है। लेकिन दिसम्बर में सर्दी नही बढऩे से गेंहू सरसों की फसल की रफ्तार भी धीमी पडऩे लग गई है। जिससे नुकसान होने के साथ कम पैदावार की आशंका जताई जा रही है।
रामबाग किसान विनोद गोदारा ने बताया कि इस बार सर्दी के समय दिन में मौसम का मिजाज गर्म रहता है। रात के समय भी अभी दिसंबर में पडऩे वाली ठंड अपना रंग नहीं दिखा पा रही। जिसके कारण गेंहू ,सरसो व चने की फसले खराब होने लग गई है ।वहीं सरसो की पत्तियां पीली व झडऩे लगी है। कुछ दिनों में सर्दी नही बढ़ी तो सरसो की फसल पूर्णतया चौपट हों जाएगी। गोदारा के अनुसार इस बार बरसात ने तो सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। लेकिन दिसंबर के मुकाबले इस बार ठंड अपने पूरे यौवन पर नहीं आने से किसान परेशान है । मौसम विभाग के अनुसार अगले एक सप्ताह तक मौसम में ज्यादा बदलाव आने की संभावना नहीं है। अभी तक कोहरा भी गिरना शुरू नहीं हुआ है जबकि रबी की फसलों के लिए कोहरा काफी फायदेमंद साबित होता है। जो कि किसानों के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। किसानों ने बताया कि खेत मुरझाने लग गए। अगर मौसम में जल्द बदलाव नही हुआ तो किसानो को कर्ज की झेलनी पड़ेगी। फिलहाल कृषि अधिकारियों का कहना कि जल्द ही मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा ।
ठंड के साथ बढ़ेगा फसलों का विकास
किसानों के अनुसार अभी तक सरसों और गेहूं दोनों ही फसलें अच्छी हैं। इन दोनों फसलों को कम तापमान की जरूरत होती है। अभी तक सामान्य तापमान चल रहा है। अगर तापमान में गिरावट नहीं आती है, तो दोनों फसलों के विकास में कमी आएगी। अच्छी सर्दी आने के बाद ही सरसों की फसलों का विकास बढ़ेगा। कोहरा भी इन फसलों के लिए लाभदायक साबित होता है।
दिन में हो रहा गर्मी का अहसास
रात के समय में हल्की सर्दी का अहसास होता है। जबकि दिन में मौसम गर्मी जैसा लगता है ।जानकारों के अनुसार दिन के तापमान में कमी आने के बाद ही असली ठंड का अहसास हो सकेगा। दिसंबर माह के दूसरे पखवाड़े में अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला जाता है, जिससे कड़ाके की ठंड का अहसास होता है। अभी तक यह 25 डिग्री से नीचे तक भी नहीं आया है, जिस कारण दोपहर के समय गर्मी का अहसास होने लगता है।
गर्म कपड़े व्यापारी हुए निराश
इस साल सर्दियों में तुलनात्मक रूप से देर से आने से ऊनी कपड़ों के व्यापारी चिंतित हैं। क्योंकि साल के इस समय अच्छी बिक्री हो जाती है । व्यापारी गुलाम नबी ने बताया कि हमेशा सर्दी के मौसम में गर्म कपड़ो की अच्छी बिक्री होती है । हमेशा चार-पांच लॉट माल बेच देते है। लेकिन इस बार सर्दी नही बढऩे से काम ना के बराबर है। वहीं इलेक्ट्रॉनिक की दुकानों पर भी बिक्री नही बढ़ी है। फिलहाल सर्दी शुरुवाती चरण में है। मौसम बदलने की संभावना जताई जा रही है।

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