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108 आपातकालीन सेवाओं के साथ 104 जननी एक्सप्रेस कर्मचारियों पर रेस्मा लागू

जयपुर। जयपुर। बीते माह रोडवेज कर्मचारियों पर रेस्मा लागू कर चुकी गहलोत सरकार ने अब एक और बड़ा कदम उठाते हुए 108 आपातकालीन सेवाओं के साथ-साथ 104 जननी एक्सप्रेस सेवा में काम करने वाले कर्मचारियों पर भी रेस्मा लागू कर दिया है, अब अगर 108 और 104 सेवा से जुड़े कर्मचारी आंदोलन या हड़ताल करेंगे तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती हैं और उनके आंदोलन को कुचल भी सकती है।
राज्य सरकार की ओर से एक अधिसूचना जारी करके रेस्मा लागू किया गया है जो 13 दिसंबर से अगले 6 माह तक अत्यावश्यक सेवाओं के तौर पर रहेगा। राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार सरकार का मानना है कि अगर 108 आपातकालीन सेवाओं के साथ-साथ 104 जननी एक्सप्रेस सेवा, 104 चिकित्सा परामर्श सेवा और कॉल सेंटर में काम करने वाले कर्मचारी हड़ताल करते हैं तो इससे सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए सरकार की ओर से 108 आपातकालीन सेवाओं और 104 जननी एक्सप्रेस सेवा में काम करने वाले कर्मचारियों पर रेस्मा लागू किया गया है, सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक जिन सेवाओं का संचालन जीवीके ईएमआरआई के माध्यम इनिटिएटेड एंबुलेंस प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है।
इनके समस्त कार्यालयों एवं कर्मचारियों और उनके कार्यकलापों से संबंधित सेवाओं को 13 दिसंबर से अगस्त तक अत्यावश्यक सेवा घोषित किया गया। इससे पहले बीते नवंबर माह में राज्य सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों के आंदोलन को देखते हुए रेस्मा लागू किया था।
सूत्रों के मुताबिक रेस्मा कानून को सरकार अपने हथियार के तौर पर इस्तेमाल करती है, जब भी कर्मचारी कोई बड़ा आंदोलन करते हैं सरकार उनके आंदोलन को दबाने के लिए रेस्मा कानून लागू कर देती है और आंदोलन करने वाले कर्मचारियों गिरफ्तार करने का अधिकार भी सरकार को होता है जिसके चलते कई बार गिरफ्तारी के डर से कर्मचारी अपना आंदोलन स्थगित कर देते हैं।
ये है रेस्मा कानूनदरअसल आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (रेस्मा) हड़ताल को रोकने के लगाया जाता है। रेस्मा अधिकतम 6 महीने के लिए लगाए जाता है और इसके लागू होने के बाद अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह गैरकानूनी और दंडनात्मक होता है। राज्य सरकार रेस्मा लगाने का फैसला इसलिए करती है कि हड़ताल की वजह से आवश्यक सेवाओं पर बुरा असर पडऩे की आशंका होती है। रेस्मावह कानून है जो अनिवार्य सेवाओं को बनाए रखने के लागू किया जाता है जिस सेवा पर रेस्मा लगाया जाता है उसे संबंधित कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते, अन्यथा आंदोलन कर रहे कर्मचारियों को 6 माह का कारावास और आर्थिक दंड दिया जा सकता है।

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