
राजेंद्र राठौड़ बोले- राहुल की बढ़ी हुई दाढ़ी नाटक; विधायकों से जबरन साइन करवाए






जयपुर। 25 सितंबर को एक साथ 92 विधायक अपना इस्तीफा लेकर एक बस में सवार हुए और विधानसभा स्पीकर के घर पहुंचे थे। अभी तक इन विधायकों के इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए हैं।
राजस्थान में चार साल में तीसरी बार हुए पॉलिटिकल ड्रामे को सत्ता पक्ष तो भूल गया लेकिन विपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने इसी बात को मुद्दा बनाया और हाईकोर्ट की शरण ली।
जिस पर कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी और उनके सचिव को नोटिस भेजा है। इसे गहलोत-पायलट खेमों में खींचतान और प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच बड़ा झटका माना जा रहा है।
राठौड़ का कहना है- कोई भी विधायक जब अपना इस्तीफा विधानसभा के स्पीकर को सौंपता है, तो उसे इस्तीफा देने का तो अधिकार है। लेकिन इस्तीफे को वापस लेने का कोई प्रावधान संविधान में नहीं है। स्पीकर को इस्तीफा स्वीकार करना ही पड़ता है।


