
राजस्थान में बंद होगी पेंशन स्कीम ! , कर्मचारियों में मची हलचल






मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) लागू की है। सरकार इसको सबसे बड़ी उपलब्धि मान रही है। कर्मचारी भी लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे।
हाल ही में ओपीएस को लेकर केन्द्र सरकार की असहमति और आपत्तियां सामने आई हैं। नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने यह आपत्तियां जताई हैं। इन्हें आयोग की ओर से सभी राज्यों को भेजा जा रहा है। नीति आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं।
सबसे पहले जानिए- गहलोत ने कब की थी घोषणा
सीएम अशोक गहलोत ने मार्च-2022 में विधानसभा में बजट पेश करते वक्त प्रदेश के करीब 7 लाख कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की घोषणा की थी। हाल ही सप्ताह भर पहले ही उन्होंने बयान दिया कि एक न एक दिन पूरे देश में सभी राज्यों को यह स्कीम लागू करनी पड़ेगी।
जानते हैं क्या है ओल्ड पेंशन स्कीम और नई पेंशन स्कीम
ओल्ड पेंशन स्कीम पूरे देश में 31 मार्च 2004 तक लागू थी। एक अप्रैल 2004 से पूरे देश में केन्द्रीय व राज्य कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम लागू की गई। इसके लिए तत्कालीन एनडीए (भाजपा नीत) सरकार ने संसद में एक बिल पेश कर देश में ओल्ड पेंशन स्कीम को खत्म कर दिया।
इस बिल को मई-2004 में केन्द्र में सत्ता में आई यूपीए सरकार (कांग्रेस नीत) ने भी लगातार 10 वर्ष जारी रखा। बाद में 2014 से अब तक केन्द्र में स्थापित भाजपा सरकार ने भी इसे जारी रखा हुआ है।
ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारी को रिटायर के बाद भी प्रत्येक महीने पेंशन राशि मिलती है, जबकि नई पेंशन स्कीम में रिटायर होने के बाद प्रत्येक महीने मिलने वाली पेंशन बंद हो जाती है। इसके अलावा ओल्ड पेंशन स्कीम में पेंशन देने का खर्च सरकार की ओर से उठाया जाता है, वहीं नई पेंशन स्कीम में जिन कर्मचारियों को पेंशन चाहिए उन्हें इसका वित्तीय भार भी खुद ही उठाना पड़ता है।


