
कोचिंग संस्थानों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए सरकार लाएगी अंब्रेला एक्ट







जयपुर। राजस्थान प्रदेश में संचालित कोचिंग संस्थानों की मनमानी रोकने के लिए सरकार जल्द ही कानून लाने जा रही है. लगातार कोचिंग संस्थाओं को लेकर मिल रही शिकायतों और फीस को लेकर आ रही शिकायतों के बाद सरकार इस एक्ट को लाने का काम कर रही है. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के निर्देश पर राजस्थान की उच्च शिक्षा विभाग लगातार काम कर रहा है. दरअसल राजस्थान में लगातार कोचिंग संस्थानों द्वारा फीस में मनमानी, सुविधाओं तथा सुरक्षा व्यवस्थाओं में कमी एवं बच्चों में बढ़ते तनाव के कारण आत्महत्या की घटनाओं को देखते हुये सरकार द्वारा समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं.
मानवाधिकार आयोग और उच्च न्यायालय द्वारा भी इस संबंध में फैसले दिए गए हैं. लेकिन, इन कोचिंग संस्थानों में राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों की पालना नहीं होने और कोचिंग संस्थानों में पढऩे वाले बच्चों में बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं पर सरकार गंभीर है. इसलिए सरकार कानून बनाने जा रही है. कानून का प्रारूप तैयार करने के लिए सरकार ने 12 जुलाई 2019 को 24 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. समिति के सदस्यों में शिक्षाविद्, स्वयं सेवी संस्थाओं के सदस्य, चिकित्सक एवं बाल अधिकार कार्यकर्ता आदि शामिल हैं. अब सरकार चुनाव से पहले इस कानून को लागू करने का मन बना रही है। इसके संकेत हाल में ही राजस्थान यूनिवर्सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम में आरयू छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी द्वारा कानून की मांग पर राजस्थान के उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र यादव ने दिए. राजस्थान सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री कानून आएगा. मगर इस कानून को लाने से पहले इस कानून के ड्राफ्ट को बनाने के लिए राजस्थान की सरकार ने साल 2019 में ही 24 सदस्यीय एक कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी की रिपोर्ट पर सरकार कानून का ड्राफ्ट तैयार करवा लिया है जिस पर लगातार काम किया जा रहा है. हाल ही में उच्च शिक्षा मंत्री के द्वारा दिए बयान के बाद यह तय हो गया है कि जल्द ही कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण के लिए राजस्थान सरकार शीघ्र ही कानून बनाएगी.
इन कोचिंग संस्थानों की मनमानी रोकेगा अंब्रेला एक्ट.
बढते कोचिंग संस्थाओं की मनमानी की शिकायतों के बाद सरकार ला रही कानून.
इस कानून के तहत फीस नियंत्रण, बच्चों के तनाव कम करने के उपाय किए जाएंगे.
बच्चों की काउंसलिंग, तनाव रहित शिक्षा देने पर रहेगा जोर.
किसी भी प्रकार की शिकायत पर तवरित कार्रवाई का रहेगा प्रावधान.
सरकार से तय रजिस्ट्रेशन के बाद ही हो सकेगा कोचिंग संस्थाओं का संचालन, कोचिंग में पढ़ाने वाले शिक्षकों की योग्यता तय होगी.
कोचिंग संस्थान सुरक्षित तय मापदंड वाले भवन में संचालित हो सकेंगे.
कोचिंग एक्ट यानि अमब्रेला एक्ट के उल्लंघन पर जुर्माना और जेल जाने का होगा प्रावधान.
देश में कोचिंग नगरी के रूप में उभरा है राजस्थान
राजस्थान पिछले कुछ सालों में कोचिंग हब के रुप में उभरा है. राजस्थान के बड़े शहर कोटा तो पूरे देश में कोचिंग नगरी के रूप में जाना जाता है. पूरे देश से बच्चे यहां मेडिकल और इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए कोचिंग करने आते हैं. अकेले कोटा में हर साल करीब दो से 3 लाख बच्चे अलग-अलग कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई करते हैं. हालांकि, कोटा के अलावा जयपुर, जोधपुर, सीकर, सवाई माधोपुर का गंगापुरसिटी, झुंझुनूं और कुछ अन्य शहरों में भी कोचिंग संस्थान बढ़ रहे है.
इन शहरों में मेडिकल और इंजीनियरिंग के अलावा लॉ, मैनेजमेंट, सीए, सीएस जैसे पाठयक्रमों में प्रवेश के लिए तैयारी कराई जाती है. इसके अलावा सिविल सेवाओं और अन्य सरकारी भर्तियों के लिए भी कोचिंग संस्थान तैयारी करा रहे हैं. सरकार कोचिंग को बड़ी सम्भावना वाले व्यवसाय के रूप में देख रही है, क्योंकि इन कोचिंग संस्थानों के कारण राजस्थान में करीब पांच लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिला हुआ है. लेकिन, फिलहाल राजस्थान में कोचिंग संस्थानों पर किसी तरह के नियम लागू नहीं है, जिसके चलते मनमानी की लगातार आ रही शिकायतों पर अंकुश पाने के लिए सरकार इस कानून को लागू करने जा रही है.


