
छात्राओं काे साइकिलाें का निशुल्क वितरण मे छात्राएं अपनी पंसद साइकिल ले सकती है






बीकानेर। मुख्यमंत्री की बजट घाेषणा के तहत इस बार साइकिल वितरण याेजना में नया बदलाव किया गया है। राज्य की स्कूलाें में पढ़ने वाली 9वीं कक्षा की करीब 3.50 लाख छात्राओं काे साइकिलाें का निशुल्क वितरण किया जाना है। छात्राओं काे छूट दी गई है कि वे अपनी पसंद की साइकिल ले सकेंगी। इसके लिए छात्राओं काे ई वॉलेट दिया जाएगा, जिसे कंपनी के शाे रूम पर देना हाेगा। कंपनी काे पेमेंट बैंक से हाे जाएगा। यदि किसी छात्रा काे सरकार की ओर से तय दर से ऊंची दर वाली साइकिल पसंद है ताे बढ़ी हुई रकम छात्रा काे ही देनी हाेगी।
सरकार की ओर से केवल निर्धारित दर का ही भुगतान हाेगा। दरअसल अप्रैल में इसके टेंडर जारी हाेकर सितंबर से वितरण का काम शुरू हाे जाता था, लेकिन माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारी नए नियमाें में बदलाव काे लेकर असमंजस में हैं। एक टेंडर जारी किया था, लेकिन पिछले महीने वाे भी निरस्त हाे गया। बताया जाता है कंपनियाें ने टेंडर शर्ताें काे पूरी तरह स्पष्ट करने काे कहा है। प्रति साइकिल की कीमत 3500-4000 रुपए अनुमानित हाेने पर साल का बजट करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए तक बैठता है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने जारी किया था टेंडर, एक ही कंपनी आई, नई शर्तें स्पष्ट नहीं हाेने से रिजेक्ट हाे गया
370 ब्लाॅक मुख्यालय पर खाेलने हाेंगे शाे रूम
साइकिलाें की सप्लाई सीधे ब्लाॅक स्तर पर हाेगी। इसके लिए कंपनी काे राज्य के 370 ब्लाॅक मुख्यालयों पर अपने अस्थायी शाे रूम खाेलने हाेंगे, जहां छात्राएं खुद जाकर अपनी पसंद की साइकिल ले सकेंगी।
भुगतान सीधे बैंक से हाेना है, निदेशालय का हस्तक्षेप नहीं : साइकिल वितरण याेजना के नए बदलाव की खास बात यह है कि कंपनी काे साइकिल का भुगतान सीधे बैंक से हाेगा। इसमें शिक्षा निदेशालय का काेई हस्तक्षेप नहीं रहेगा। चूंकि विधानसभा घाेषणा है इसलिए इसमें अब बदलाव नहीं हाे सकता। इसे देखते हुए निदेशालय ने मार्ग दर्शन मांगा था। सरकार ने आरटीपीपी रूल्स 2013 के तहत नियमानुसार ही साइकिल वितरण करने के आदेश दे दिए। यानी जाे सरकार ने तय किया वैसे ही करना हाेगा।
कक्षा से 6 से 8 की 5800 छात्राओं काे भी मिलेंगी निशुल्क साइकिलें : राज्य सरकार ने ईडब्ल्यूएस वर्ग की कक्षा 6 से 8 तक की छात्राओं काे भी निशुल्क साइकिल देने की घाेषणा की है। राज्यभर में इस वर्ग की 60 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाली 5800 छात्राओं काे लाभांवित करने का लक्ष्य रखा गया है। शर्त ये है कि उनके माता-पिता की वार्षिक आय एक लाख से कम हाेनी चाहिए। आवेदन ऑन लाइन करना हाेगा। हालांकि 9वीं कक्षा की छात्राओं काे साइकिल वितरण का पैटर्न बदलने से इनका मामला भी अटक गया है।
कंपनी, माॅडल और रेट तय करने में परेशानी
सरकार ने इस बार विभिन्न कंपनी और माॅडल की साइकिलें वितरण करने के आदेश दिए हैं। हिंदुस्तान में करीब आधा दर्जन बड़ी कंपनियां हैं, जिनका प्राेडक्शन सबसे ज्याद है। हर साल उन्हीं कंपनियाें से एक फाइनल हाेती आ रही है, लेकिन नए बदलाव काे लेकर विभाग के अधिकारी कंपनी, माॅडल और रेट तय नहीं कर पा रहे। एक्सपर्ट के अनुसार विभाग काे नई शर्ताें के तहत सभी कपंनियाें से प्रस्ताव मंगवाने चाहिए कि उनके पास किस-किस माॅडल की साइकिल किस कीमत की है। छात्राओं भी ऑफर लिया जाए कि उन्हें किस कंपनी और माॅडल की साइकिल चाहिए। उसके बाद रेट तय कर नए सिरे से टेंडर डाॅक्यूमेंट तैयार किया जाए।


