
शिक्षा विभाग डे्रस सिलवाने के नाम पर 100 रुपये देकर कर रहा है मजाक






जयपुर। बाजार में आप कभी पैंट-शर्ट यानी एक ड्रेस सिलवाने जाओ, तो क्या आपको कोई 100 रुपये में ड्रेस सिलकर देगा? शायद आपका जवाब नही् होगा. लेकिन राजस्थान का शिक्षा विभाग 100 रुपये में एक ड्रेस सिलाई करा सकता है. जी हां, शिक्षा विभाग के प्रोजेक्ट डायरेक्टर का कहना यही है कि कहीं भी 100 रुपये में ड्रेस सिलाई जा सकती है, लेकिन उन्होंने वह जगह नहीं बताई. दरअसल, नि:शुल्क स्कूल यूनिफार्म के कपड़े के साथ ड्रेस सिलाने के सरकार 100 रुपये भी देगी.
स्कूलों में आधा सत्र बीतने के बाद अब शिक्षा विभाग इसी महीने ड्रेस वितरण करने का दावा कर रहा है. लेकिन बच्चे कब पहन सकेंगे यह पता नहीं. क्योंकि सरकार बच्चों को ड्रेस का कपड़ा देगी, सिलवाना बच्चों को ही होगा. ड्रेस सिलवाने के लिए सरकार प्रति ड्रेस बच्चों को 100 रुपये देगी. कक्षा 1 से 8 तक के 64479 सरकारी स्कूलों के 70 लाख से अधिक बच्चों को सरकार द्वारा नि:शुल्क स्कूल यूनिफॉर्म फैब्रिक के दो सेट उपलब्ध कराए जाएंगे. लेकिन इन्हें सिलवाने के लिए प्रत्येक स्टूडेंट के खाते में केवल 200 रुपये का भुगतान किया जाएगा.
शिक्षा विभाग की इस घोषणा के बाद हृद्ग2ह्य18 रुशष्ड्डद्य की टीम ने जयपुर में अलग-अलग जगहों पर सिलाई की रेट पता की, जो सरकार के तय दर से चार गुणा ज्यादा है, वो भी बड़ी संख्या में फैक्ट्री में सिलवाने पर. एक ड्रेस सिलाने के लिए कम से कम 700 रुपये खर्च करने होंगे. जयपुर के टोंक रोड स्थित आरके टेलर से एक ड्रेस की रेट पता की तो उन्होंने बताया कि एक ड्रेस के 800 रुपये सिलाई चार्ज लगते हैं. यदि अधिक मात्रा में 500-1000 ड्रेस एक साथ सिलवाई जाए, तो 700 रुपये प्रति ड्रेस लगेंगे.
वहीं झोटवाड़ा के खातीपुरा रोड स्थित सिलाई फैक्ट्री में रेट पता की तो वहां एक ड्रेस की सिलाई के 700 रुपये बताई गई. सिलाई फैक्ट्री के मालिक दानिश ने बताया कि एक ड्रेस की सिलाई का हम 700 रुपये लेते हैं. यदि 50 ड्रेस सिलवाएं तो 600 रुपये और 100 से अधिक सिलाने पर 500 लगा सकते हैं. यदि 1 हजार या अधिक ड्रेस सिलाने पर 400 रुपये लगा सकते हैं. इससे कम कभी नहीं करेंगे. उन्होंने बताया कि एक ड्रेस सिलने में कम से कम 300 रुपये का खर्च आता है. सरकार ने जो 100 रुपये दिए हैं, उतने में तो एक ड्रेस की सिलाई में धागा ही लग जाता है.
स्कूलों में आधा सत्र बीतने के बाद अब शिक्षा विभाग इसी महीने ड्रेस वितरण करने का दावा कर रहा है. लेकिन बच्चे कब पहन सकेंगे यह पता नहीं. क्योंकि सरकार बच्चों को ड्रेस का कपड़ा देगी, सिलवाना बच्चों को ही होगा. ड्रेस सिलवाने के लिए सरकार प्रति ड्रेस बच्चों को 100 रुपये देगी. कक्षा 1 से 8 तक के 64479 सरकारी स्कूलों के 70 लाख से अधिक बच्चों को सरकार द्वारा नि:शुल्क स्कूल यूनिफॉर्म फैब्रिक के दो सेट उपलब्ध कराए जाएंगे. लेकिन इन्हें सिलवाने के लिए प्रत्येक स्टूडेंट के खाते में केवल 200 रुपये का भुगतान किया जाएगा.
शिक्षा विभाग की इस घोषणा के बाद हृद्ग2ह्य18 रुशष्ड्डद्य की टीम ने जयपुर में अलग-अलग जगहों पर सिलाई की रेट पता की, जो सरकार के तय दर से चार गुणा ज्यादा है, वो भी बड़ी संख्या में फैक्ट्री में सिलवाने पर. एक ड्रेस सिलाने के लिए कम से कम 700 रुपये खर्च करने होंगे. जयपुर के टोंक रोड स्थित आरके टेलर से एक ड्रेस की रेट पता की तो उन्होंने बताया कि एक ड्रेस के 800 रुपये सिलाई चार्ज लगते हैं. यदि अधिक मात्रा में 500-1000 ड्रेस एक साथ सिलवाई जाए, तो 700 रुपये प्रति ड्रेस लगेंगे.
वहीं झोटवाड़ा के खातीपुरा रोड स्थित सिलाई फैक्ट्री में रेट पता की तो वहां एक ड्रेस की सिलाई के 700 रुपये बताई गई. सिलाई फैक्ट्री के मालिक दानिश ने बताया कि एक ड्रेस की सिलाई का हम 700 रुपये लेते हैं. यदि 50 ड्रेस सिलवाएं तो 600 रुपये और 100 से अधिक सिलाने पर 500 लगा सकते हैं. यदि 1 हजार या अधिक ड्रेस सिलाने पर 400 रुपये लगा सकते हैं. इससे कम कभी नहीं करेंगे. उन्होंने बताया कि एक ड्रेस सिलने में कम से कम 300 रुपये का खर्च आता है. सरकार ने जो 100 रुपये दिए हैं, उतने में तो एक ड्रेस की सिलाई में धागा ही लग जाता है.


