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नए वित्तीय वर्ष में पहली बार विधायक खर्च कर सकेंगे 5 करोड़ रुपए का फंड

जयपुर। प्रदेश में नए वित्तीय वर्ष में पहली बार विधायकों को पांच करोड़ रुपए खर्च करने की खुली छूट मिलेगी। इससे पहले पौने दो करोड़ रुपए की राशि मेडिकल पर खर्च करने की अनिवार्यता के चलते विधायकों को बढ़े हुए विकास फंड का फायदा पूर्ण रूप से नहीं मिला रहा था।
सीएम अशोक गहलोत ने पिछले साल 16 अगस्त को विधायक कोष को 2 करोड़ 25 लाख से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपए किया था। साथ ही ये शर्त रखी थी कि प्रति विधायक को पौने दो करोड़ रुपए अपने विधानसभा क्षेत्र में मेडिकल ढांचे के विकास व मजबूती पर खर्च करने होंगे। चूंकि प्रदेश सहित देशभर में कोरोना का प्रकोप बेहद कम हुआ है। ऐसे में राज्य सरकार ने पुराने फैसले में संशोधन किया है। विभाग की सचिव मंजू राजपाल की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि जिन मामलों में पौने दो करोड़ रुपए की राशि पूर्ण रूप से खर्च नहीं हुई है। ऐसे में बची हुई राशि का विधायक उपयोग कर सकेंगे।
2021-22 का बचा मेडिकल बजट दूसरे कामों में आएगा काम
प्रदेश का मेडिकल ढांचा मजबूत करने के लिए विधायकों को खुद के बजट से एक करोड़ 75 लाख रुपए खर्च करने की अनिवार्यता को राज्य सरकार ने खत्म कर दिया है। जिन विधायकों की पौने दो करोड़ रुपए की राशि पूर्ण रूप से खर्च नहीं हुई है, वे विधायक अपनी इच्छा अनुसार विकास कार्य बची हुई इस राशि में से करा सकते हैं। ग्रामीण विकास व पंचायती राज विभाग ने सभी कलेक्टर व जिला परिषद सीईओ को इस संबंध में अवगत भी कराया है। इस संबंध में जारी आदेशों में कहा गया है कि विधायक अब नए वित्तीय वर्ष 2022-23 में आवंटित 5 करोड़ रुपए खर्च कर सकेंगे।

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