राजस्थान महिला आयोग का बड़ा फैसला: फर्जी आरोप लगाने वाली महिलाओं पर अब दर्ज होगी एफआईआर

राजस्थान महिला आयोग का बड़ा फैसला: फर्जी आरोप लगाने वाली महिलाओं पर अब दर्ज होगी एफआईआर

जयपुर। राजस्थान राज्य महिला आयोग में अगर अब महिलाएं अपने अधिकारों का गलत उपयोग करते हुए पाई जाती हैं तो भारतीय दंड संहिता के तहत उनपर कार्रवाई की जाएगी. राज्य महिला आयोग ने कहा है कि उनकी जिम्मेदारी महिलाओं को न्याय दिलाना ही नहीं बल्कि, उनके अधिकारों का भी ध्यान रखना है. हालांकि, इस पर महिला संगठनों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि अगर महिलाएं न्याय की उम्मीद से आयोग आती हैं और आयोग ही महिलाओं को झूठा कहेगा, तो महिलाएं कहां जाएंगी?महिला आयोग ने अपना पक्ष रखते हुए कहा,राजस्थान महिला आयोग समय-समय पर महिलाओं के हित में अहम निर्णय लेते हुए आया है. ऐसे में महिला आयोग अध्यक्ष द्वारा एक और निर्णय लिया गया है जिससे कोई भी महिला अब अपने अधिकारों का दुरुपयोग नहीं कर सकेगी.ज्ज् जाहिर है राजस्थान में महिला प्रताडऩा के झूठे मामले दर्ज कराने वाली महिलाओं के खिलाफ महिला आयोग अब भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई करने जा रहा है.देश का पहला राज्य होगा जहां भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत झूठे मामले दर्ज करने वाली महिलाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बताया जा रहा है कि महिला आयोग ने ऐसे 418 मामलों की पहचान की है और संबंधित पुलिस अधीक्षक को 60 मामलों में कानून के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. आयोग का कहना है कि महिला सुरक्षा की आड़ में कानून के दुरुपयोग की अनुमति नहीं दी जाएगी. महिला निकाय ने यह भी कहा कि बेवजह झूठे मामलों की बढ़ती संख्या से सरकार की बदनामी हो रही है.हालांकि, इस निर्णय से नाराज महिला संगटनों ने महिला आयोग में  प्रदर्शन किया और निर्णय को बर्खास्त करने की मांग की. महिला संगठनों ने कहा कि महिला आयोग का काम महिलाओं को संबल प्रदान करना है न की उन्हें झूठा करार देना. महिला आयोग से यह भी मांग की गई है कि एफआईआर की 60 कॉपी पेश की जाए कि आखिर किस आधार पर महिलाओं को झूठा ठहराया गया है. वहीं, संगठनों ने यह भी कहा की अध्यक्ष को अपना यह निर्णय वापस लेना होगा. अगर अध्यक्ष ने निर्णय वापस नहीं लिया तो हम सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे और मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन सौपेंगे.इधर महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज ने बताया कि आयोग की ओर से एफआईआर के लिए नहीं कहा गया है, सिर्फ कार्रवाई करने को कहा गया है. यह आयोग की जिम्मेदारी है और इससे समाज मे एक अच्छा संदेश पहुंचेगा और महिलाओं के अधिकारों का दुरुपयोग नहीं हो सकेगा. यह सिर्फ आयोग की तरफ से कहा गया है, लेकिन आगे का जो भी निर्णय होगा वो कोर्ट और पुलिस का काम है.

Join Whatsapp
खबरें और विज्ञापन के लिए इस नंबर पर व्हाट्सएप करें- 76659 80000 |खबरें और विज्ञापन के लिए इस नंबर पर व्हाट्सएप करें- 76659 80000 |