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राजस्थान में बदल सकते हैं सियासी समीकरण, वसुंधरा राजे और अर्जुनराम मेघवाल आमने-सामने

खुलासा न्यूज़ , बीकानेर । राजस्थान (Rajasthan) बीजेपी (BJP) में सियासी घमासान देखने को मिल रहा है। पीएम मोदी के मानगढ़ दौरे में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (Vasundhra Raje ) की अनदेखी की गई। पीएम मोदी के मानगढ़ दौरे के कार्यक्रम के प्रभारी संस्कृति मंत्रालय के मंत्री अर्जुन मेघवाल ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को आमंत्रित ही नहीं किया । इससे बीजेपी में एक बार फिर सियासी घमासान शुरू हो गया है । बता दें कि पीएम मोदी के मानगढ़ दौरे के प्रभारी Arjun Meghwal थे ।

अर्जुन मेघवाल और राजे के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है । बता दें कि राजे पिछले दिनो बीकानेर दौरे पर थी । उनके दौरे के दौरान देवीसिंह भाटी ने राजे के पूरे कार्यक्रम का संचालन किया था । इस दौरान राजे काफ़ी नाराज़ दिखी ।

राजस्थान बीजेपी में कौन हैं सीएम के कई चेहरे?
जहां कांग्रेस ने बार-बार यह कहकर भाजपा पर हमला किया है कि भगवा पार्टी में लगभग आठ सीएम उम्मीदवार हैं जो वर्चस्व के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, वहीं राजे के अलावा, कुछ ऐसे नाम हैं जिनकी चर्चा राजस्थान भाजपा में सत्ता के संघर्ष के संदर्भ में अक्सर की जाती है। सतीश पूनिया, गुलाब चंद कटारिया, गजेंद्र सिंह शेखावत, राजेंद्र राठौर, अर्जुन राम मेघवाल और भूपेंद्र यादव हैं।
राजस्थान बीजेपी के मौजूदा अध्यक्ष सतीश पूनिया को आरएसएस की मजबूत जड़ें रखने के लिए जाना जाता है और कई राज्य नेताओं में से एक को राजे ने सत्ता में रहते हुए दरकिनार कर दिया था। पहली बार विधायक बनीं पूनिया जाट समुदाय से हैं, जो राजस्थान की जाति आधारित राजनीति में महत्वपूर्ण चुनावी ताकत रखती है।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, जो राजस्थान कैडर के पूर्व सिविल सेवक हैं।

 

भाटी पर मेघवाल के खिलाफ प्रचार करने का आरोप
वैसे तो राजनीति में कोई किसी का स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता है, लेकिन भाटी और मेघवाल के मामले साफ है कि निकट भविष्य में दोनों नेताओं को मिल पाना संभव नहीं है. ऐसे में देवी सिंह भाटी का भाजपा में आना भी लगभग मुश्किल है, क्योंकि भाजपा ने पार्टी में वापसी करने वाले नेताओं के लिए कमेटी गठित की है और उस कमेटी के मुखिया अर्जुन मेघवाल हैं. राजे समर्थक देवी सिंह भाटी पर आरोप है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अर्जुन मेघवाल के खिलाफ प्रचार प्रसार किया था और हराने का काम किया था. ऐसे में भाटी की घर वापसी होना मुश्किल है. वहीं, भाजपा ने मेघवाल को इस कमेटी का संयोजक बनाकर न सिर्फ भाटी को बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी साफ संकेत दिया था

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