
आईजी साहब इन इलाको में होता है नशे का बड़ा कारोबार, थाने से ही नहीं हो जाये प्लान लिक,कही आपका प्लान नहीं हो जाये फेल






बीकानेर। बीकानेर शहर व संभाग में तेज गति से फैल रहे नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए आईजी ओमप्रकाश पासवन ने एक विशेष अभियान चार दिन के चलाया है जिससे तहत खुले आम बिकने वाले गांज,चरस, एमडी, गोलियां, शिशियां आदि सब तरह के नशे के कारोबार करने वाले तस्करों को पकड़ा जायेगा। इसके लिए सभी थाना स्तर पर प्लान तैयार किया गया जिसमें मादक पदार्थ बेचने वाले व उनके सहयोग करने वाले सभी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। आईजी ने बताया कि पिछले काफी लंबे समय से मादक पदार्थों के तस्करों की शिकायत पुलिस को मिल रही है और पुुलिस समय समय पर इन पर कार्यवाही कर रही है लेकिन यह चार दिन का विशेष अभियान है जिसमें कॉलेज, कोचिंग सेंटरों व सार्वजनिक स्थानों पर बेचने वाले नशे के सामान वालों को दबोचना है। अगर देखा जाये तो पिछले कुछ महिनों ने शहर के तीन थाना इलाकों में नशे का कारोबार चरम पर है जिसमें नयाशहर, कोतवाली व गंगाशहर, सदर इन चार थानों में सबसे ज्यादा नशे का कारोबार चरम पहुंच चुका है। जिसमें सबसे ज्यादा नशे का काम कोतवाली व नयाशहर इलाका है जहां रोजाना लाखों रुपये का नशे का कारोबार हो रहा है परंतु पुलिस को कानो कान खबर नहीं है। जिसमें सबसे बड़ा नशे का कारोबार नयाशहर थाना क्षेत्र है इस थाने के कई ठिकाने है जो पुलिस के जानकारी होने के बाद कोई भी थानाधिकारी कार्यवाही नहीं करता है जहां ं जहां चरस, गांजा, एमडी, अफीम, स्मैक व नशीली गोलियां आदि आसानी से मिल जाते हैं। भाटों का बास, विश्नोई बास, करमीसर रोड़, सर्वोदय बस्ती, हरलोई हनुमान मंदिर, वाल्मीकि बस्ती, नाथ जी धोरा,कोठारी अस्पताल के पास चाय के ढाबे के पीछे, पंडित धर्म कांटे के पास इलाकों में आसानी से मिल जाता है। वहीं सबसे बड़ा नशे का अड्डा जस्सूसर गेट क्षेत्र में सभी प्रकार का नशा मिल जाता है। जस्सूसर गेट पर एक चाय की दुकान पर गांजा चरस व ज्वाइंट वाली सिगरेट नशेडियों को आसानी से मिलती है। पूरे शहर को इसकी जानकारी है लेकिन मजे की बात है कुछ मीटर पर थाने को पता नहीं है। उसके बाद कोतवाली इलाका यह ऐसे तो इलाका बड़ा शांतिप्रिय है लेकिन कुछ महिनों से इस इलाके में बाहर से आने वाले बदमाशी प्रवृत्ति के लोगों ने नशे के बढ़ावा दे दिया है जो देर रात तक चाय व अन्य खाने पीने की दुकान की आड़ में अपना धंधा करते है इन दुकानों के जरिये रोजाना लाखों रुपया का गांजा, एमडी, शराब व अन्य नशे का सामान आसानी से उपलब्ध होता है। मजे की बात है पुलिस की गश्ती टीम भी इन दुकानों पर चाय पानी करते है लेकिन उनको भनक तक नहीं है जबकि पुलिस को तो सुगंध से पता चलता है कि गांजा व अन्य सामान कहां मिलता है परंतु इस चाय की दुकान पर ऐसा नहीं है यह सोचनीय विषय है। कोतवाली थाने के तत्कालीन थानाधिकारी नवनीत सिंह ने कई बार इन नशे के कारोबार करने वाले को पकडऩे की कोशिश की लेकिन इन दुकानदारों का नेटवर्क इतना तेज है कि उनकी कार्यवाही से पहले ही उनको यह पता चल जाता कि आज अपने ऊपर कार्यवाही हो सकती है। मजे की बात तो यह है कि शहर में चलने वाली दुकानों के दुकानदार को तो यह तो पता होता है आज रात को रात्रि गश्त पर कौनसा पुलिस अधिकारी गश्त पर आयेगा जब पुलिस की बात ही बाहर तक जा सकती है तो दूसरा अपनी रखवाली कैसे करेंगा। इसके अलावा गंगाशहर इलाके में धरणीधर चौराहे, मोहता सराय, गंगाशहर नोखा रोड़ नये बस स्टैंड से जैन कॉलेज के बीच स्थित चाय की दुकानों, चांद मल जी बाग, जयनारायण व्यास कॉलोनी, जयपुर रोड़ आदि अनेक ठिकानों पर विभिन्न मादक पदार्थ मिल जाते हैं। सदर थाना भी बड़ा नशे का ठिकाना है जहां मादक पदार्थों का बड़ा कारोबार होता है पीबीएम अस्पताल के बाहर लगने वाले चाय के ठेलों पर दिनभर यह सामान मिलता है जो अपनी दुध लेकर आने वाले डिब्बों व अन्य जगहों पर छुपा के रखते है रोजाना आने वाले ग्राहकों को ही यह देते है इसके अलावा गंगानगर चौराह, भुट्टों का चौराह भी नशे का बड़ा अड्डा है। अब देखना है थानाधिकारी आईजी के इस प्लान में कितना साथ देते है।


