
अब बिना जाति प्रमाण-पत्र सरकारी नौकरी जॉइन कर सकेंगे






जयपुर। राजस्थान में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स को ष्टरू अशोक गहलोत ने बड़ी राहत दी है। (अदर बेकवर्ड क्लास), (मोस्ट बेकवर्ड क्लास) और श्वङ्खस् (इकनॉमिक वीकर सेक्शन) कैटेगरी के कैंडिडेट्स को अब नौकरी जॉइन करते समय जाति प्रमाण पत्र देने की बाध्यता खत्म कर दी गई है। जिन कैंडिडेट्स के पास जाति प्रमाण पत्र नहीं है, वो शपथ पत्र देकर नौकरी जॉइन कर सकते हैं। आइए जानते हैं, जॉइनिंग के बाद आखिर कास्ट सर्टिफिकेट सबमिट करना होगा या नहीं।
कैंडिडेट्स को राहत
इस बाबत ष्टरू गहलोत ने आदेश जारी कर दिया है। यह स्पष्ट है कि बाद में लेटेस्ट कास्ट सर्टिफिकेट सबमिट करना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर संबंधित विभाग नियमानुसार कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा। सरकार के इस फैसले से ग्राम विकास अधिकारी, कंप्यूटर अनुदेशक, पशुधन सहायक और कनिष्ठ अभियंता भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है।
प्रदेश भर में हुआ था विरोध
20 जनवरी को सरकार ने एक आदेश जारी किया था। इसमें जॉइनिंग से पहले ह्रक्चष्ट, रूक्चष्ट और श्वङ्खस् कैटेगरी के अभ्यर्थियों को जाति प्रमाण पत्र देना अनिवार्य था। यह भी बाध्यता थी कि यह प्रमाण पत्र भर्ती प्रक्रिया में आवेदन करने से पहले का हो चाहिए। इस फैसले से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी भर्ती परीक्षा से बाहर हो गए थे। इसके बाद जयपुर समेत प्रदेशभर में युवाओं ने सरकार के इस आदेश का विरोध किया था।
6 लाख कैंडिडेट्स को सीधा फायदा
माना जा रहा है कि युवाओं का विरोध देख सरकार बैकफुट पर आई है। गहलोत ने ट्वीट कर स्पष्ट कर दिया है कि जॉइनिंग के समय कास्ट सर्टिफिकेट की बाध्यता नहीं है। कैंडिडेट्स बाद में सर्टिफिकेट सबमिट कर सकते हैं। जॉइनिंग के समय शपत्र पत्र देना है। इसका सीधा फायदा पशुधन सहायक सीधी भर्ती परीक्षा-2021, छ्वश्वहृ के लिए सीधी भर्ती परीक्षा-2022, पटवार सीधी भर्ती परीक्षा-2021 और कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती परीक्षा के 6 लाख अभ्यर्थियों को होगा।
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा- अगर सरकार ने हमारी सारी मांगें नहीं मानी तो कांग्रेसी नेताओं का विरोध करेंगे। राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा को रोकेंगे।
कैंडिडेट्स को राहत
इस बाबत ष्टरू गहलोत ने आदेश जारी कर दिया है। यह स्पष्ट है कि बाद में लेटेस्ट कास्ट सर्टिफिकेट सबमिट करना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर संबंधित विभाग नियमानुसार कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा। सरकार के इस फैसले से ग्राम विकास अधिकारी, कंप्यूटर अनुदेशक, पशुधन सहायक और कनिष्ठ अभियंता भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है।
प्रदेश भर में हुआ था विरोध
20 जनवरी को सरकार ने एक आदेश जारी किया था। इसमें जॉइनिंग से पहले ह्रक्चष्ट, रूक्चष्ट और श्वङ्खस् कैटेगरी के अभ्यर्थियों को जाति प्रमाण पत्र देना अनिवार्य था। यह भी बाध्यता थी कि यह प्रमाण पत्र भर्ती प्रक्रिया में आवेदन करने से पहले का हो चाहिए। इस फैसले से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी भर्ती परीक्षा से बाहर हो गए थे। इसके बाद जयपुर समेत प्रदेशभर में युवाओं ने सरकार के इस आदेश का विरोध किया था।
6 लाख कैंडिडेट्स को सीधा फायदा
माना जा रहा है कि युवाओं का विरोध देख सरकार बैकफुट पर आई है। गहलोत ने ट्वीट कर स्पष्ट कर दिया है कि जॉइनिंग के समय कास्ट सर्टिफिकेट की बाध्यता नहीं है। कैंडिडेट्स बाद में सर्टिफिकेट सबमिट कर सकते हैं। जॉइनिंग के समय शपत्र पत्र देना है। इसका सीधा फायदा पशुधन सहायक सीधी भर्ती परीक्षा-2021, छ्वश्वहृ के लिए सीधी भर्ती परीक्षा-2022, पटवार सीधी भर्ती परीक्षा-2021 और कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती परीक्षा के 6 लाख अभ्यर्थियों को होगा।
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा- अगर सरकार ने हमारी सारी मांगें नहीं मानी तो कांग्रेसी नेताओं का विरोध करेंगे। राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा को रोकेंगे।


