
बिजली गिरने से 4 की मौत राजस्थान के 17 जिलों में आज बारिश का अलर्ट, बिजली गिरने से 4 की मौत






जयपुर। राजस्थान में एक बार फिर मानसून एक्टिव हो गया है। पिछले 24 घंटे में बांसवाड़ा के जगपुरा में 3 इंच से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है। झालावाड़ जिले में 4 जगह बिजली गिरने से झुलसे 4 लोगों की मौत हो गई। आज 17 जिलों में बारिश होने के आसार है। मौसम विभाग ने सितम्बर में औसत से 109 प्रतिशत ज्यादा बारिश होने की संभावना जताई है।
मौसम विभाग के अनुसार, आज श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर, दौसा, टोंक, सवाईमाधोपुर, अलवर, अजमेर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, बूंदी, बारां, कोटा, झालावाड़, उदयपुर, डूंगरपुर जिले में बारिश होने संभावना है। आंध्रप्रदेश और उड़ीसा से लगने वाले बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के ऊपर एक लो-प्रेशर का एरिया बना हुआ है। इसके असर से पूर्वी राजस्थान में भी बारिश हो रही है। झालावाड़ जिले में 10 सितंबर की देर शाम बिजली गिरने से असनावर, मनोहर थाना, बाघेर और चुनाभाटी में 1-1 व्यक्ति की बिजली गिरने से मौत हो गई।
13 जिलों में हुई बारिश
प्रदेश में पिछले 10 दिन से कमजोर पड़ा मानसून का बरसाती सिस्टम शनिवार को फिर से एक्टिव होने लगा है। 10 सितंबर को जयपुर में शाम 4 बजे बाद मौसम में बदलाव आया और तेज हवा के साथ बारिश का दौर शुरू हुआ है। टोंक, अलवर, दौसा, सवाई माधोपुर, कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, चित्तौडग़ढ़ जिलों में कई जगहों पर बरसात हुई।
मौसम विज्ञान केन्द्र जयपुर के मुताबिक बांसवाड़ा के जगपुरा में सबसे ज्यादा 77 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। कोटा के सांगोद में 50 मिलीमीटर, झालावाड़ के अकलेरा में 50 मिलीमीटर, डूंगरपुर के वेजा में 40 मिलीमीटर, प्रतापगढ़ के पीपलखूंट में 40, उदयपुर के सारारा में 30 मिलीमीटर, करौली के नादौती में 30 मिलीमीटर बरसात रिकॉर्ड की गई है।
राजस्थान में औसत से 36 प्रतिशत ज्यादा बारिश
राजस्थान में मानसून के दौरान 1 जून से 8 सितम्बर तक कुल 546.3 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। जबकि सामान्य तौर पर 402.5 मिलीमीटर बारिश होती है। यह औसत से 36त्न ज्यादा है। पूर्वी राजस्थान में 695 मिलीमीटर बारिश हुई है। जबकि सामान्य बारिश 578.1 मिलीमीटर होती है। पूर्वी राजस्थान में सामान्य से 20 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है।
पश्चिमी राजस्थान में 427.9 मिलीमीटर बारिश हुई है। जबकि सामान्य बारिश 262.7 मिलीमीटर होती है। पश्चिम राजस्थान में 63 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है। इससे पहले 1944 में जून, जुलाई और अगस्त महीने के दौरान प्रदेश में कुल 611 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई थी। माना जा रहा है कि सितम्बर महीने में 78 साल पुराना 1944 का सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड टूट सकता है।


