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एक बार फिर प्रदेश मे बिजली संकट गहराया, 4 घंटे तक हो सकती है बिजली कटौती

जयपुर। राजस्थान में बिजली की किल्लत के बीच सोलर एनर्जी और विंड एनर्जी का भी प्रोडक्शन घट गया है। मॉनसूनी हवाओं की स्पीड घटने से विंड मिल्स का प्रोडक्शन 1700 मेगावाट गिर गया है। बादलों की आवाजाही और सूरज की लुका-छिपी के कारण सोलर एनर्जी में भी 300 से 600 मेगावाट का लॉस रिकॉर्ड हुआ है। इस तरह 2000 से 2600 रूङ्ख बिजली प्रोडक्शन घटने से बिजली संकट गहरा गया है। प्रदेश में 7 पावर प्लांट यूनिट्स भी ठप पड़ी हैं। जिनके कारण 2792 रूङ्ख बिजली का लॉस हुआ है।
पीक आवर्स में बिजली की अधिकतम डिमांड 13697 मेगावाट रही है। औसत डिमांड 12234 मेगावाट आई है। जबकि बिजली की उपलब्धता 12654 मेगावाट रही है। 1043 मेगावाट बिजली डिमांड से कम रही है। रविवार को 24 घंटे में बिजली की कुल खपत 29.36 करोड़ यूनिट रही। बिजली संकट से निपटने के लिए राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (क्रङ्कहृरु) को औसत 6 रुपए यूनिट की रेट पर 69 लाख यूनिट बिजली खरीदनी पड़ी है। जो करीब 4 करोड़ 14 लाख रुपए की मिली है। इसके अलावा ट्रिपिंग के मामले भी बढ़े हैं। प्रदेशभर में कई ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में अलग-अलग जगह 1-2 घंटे से लेकर 4 घंटे तक पावर कट का सामना लोगों को करना पड़ा है।
बिजली कंपनियों की चिन्ता सोलर और विंड एनर्जी के घटते प्रोडक्शन ने भी बढ़ा दी है। खुले मौसम में 3100 मेगावाट तक मिलने वाली सोलर एनर्जी बादल छाये रहने के कारण 2500 से 2800 मेगावाट तक ही मिल पा रही है। 300 से 600 मेगावाट का सोलर एनर्जी का लॉस हुआ है। विंड एनर्जी शनिवार-रविवार को 2500 मेगावाट के करीब मिल रही थी, जो सीधा 1700 मेगावाट गिरकर 800 मेगावाट ही मिल पा रही है। सूत्रों के मुताबिक आशंका है कि मॉनसून कमजोर पडऩे के कारण कुछ दिन मौसम शांत रहेगा, हवा कम चलेगी तो विंड एनर्जी प्रोडक्शन और घट जाएगा।
3 बंद यूनिट्स शुरू, 7 अभी भी ठप, 2792 मेगावाट प्रोडक्शन लॉस
राहत की बात यह है कि अडानी पावर प्लांट की दोनों बंद पावर यूनिट चालू हो गई हैं। एक यूनिट से 600 मेगावाट, दूसरी से 400 मेगावाट ही प्रोडक्शन मिलना शुरू हुआ है। 200 मेगावाट प्रोडक्शन कम है। जो जल्द ही बढऩे की उम्मीद है। छबड़ा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट में 6 नम्बर की बंद 660 मेगावाट की यूनिट फिर से चालू हो गई है।
लेकिन छबड़ा पावर प्लांट में 4 नम्बर की 250 मेगावाट यूनिट ठप है। कोटा थर्मल पावर स्टेशन पर 3 नम्बर की 210 मेगावाट की यूनिट भी बंद है। सूरतगढ़ में 660-660 मेगावाट की दोनों सुपर क्रिटिकल यूनिट बंद हैं। जो चालू नहीं हो सकी हैं। सूरतगढ़ में 250 मेगावाट की ओल्ड यूनिट भी ठप है।
सूरतगढ़ सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट में 660-660 मेगावाट की दो यूनिट बंद हैं।
कोटा थर्मल पावर स्टेशन पर 3 नम्बर की 210 मेगावाट यूनिट बंद है। छ्वस्ङ्ख बाड़मेर लिग्नाइट पावर प्लांट की 2 नम्बर की 135 मेगावाट यूनिट बंद है। रामगढ़ में जीटी-2 नम्बर की 37.50 मेगावाट यूनिट भी ठप पड़ी है।

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