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प्रदेश में बिजली संकट, 10 पावर यूनिट ठप, फेस्टिव सीजन और सर्दियों में बढ़ेगी कटौती

बीकानेर. राजस्थान में एक बार फिर बिजली संकट गहरा गया है। राज्य की 10 पावर यूनिट्स ठप पड़े हैं। 4442.50 मेगावाट बिजली प्रोडक्शन बंद हो चुका है। 12 रुपए प्रति यूनिट अधिकतम कैपिंग रेट पर भी राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड एक्सचेंज से बिजली खरीदकर उपभोक्ताओं को सप्लाई नहीं दे पा रहा। ऐसे में शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों में 5 घंटे तक अघोषित कटौती की जा रही है।

आरयूवीएनएल के चीफ इंजीनियर मुकेश बंसल ने कहा. उन्होंने बताया कि सितम्बर में 500 मेगावाट बिजली शॉर्ट टर्म टेंडर के जरिए खरीदने की टेंडरिंग भी करवाई, लेकिन करीब 305 मेगावाट ही अलग-अलग हिस्सों में ऑफ र मिला। उसमें भी रेट 7ण्98 रुपए से 9ण्99 रुपए प्रति यूनिट तक बहुत ज्यादा आई। इसलिए उसे रिजेक्ट कर दिया गया।

एक्सचेंज से इसलिए बिजली खरीदी जा रही है, क्योंकि दिन में कभी.कभी 4ण्50.5ण्50 रुपए प्रति यूनिट पर भी बिजली मिल जाती है। शाम को 12 रुपए तक महंगी मिलती हैए लेकिन औसत रेट टेंडरिंग से कम आती है। हर घंटे स्थिति को देखते हुए बिजली खरीद ली जाती है।

बिजली की डिमांड 14,100 मेगावाट हुई
बिजली की डिमांड पीक आवर्स में 14100 मेगावाट हो गई है, लेकिन उपलब्धता करीब 11595 मेगावाट है। डिमांड और सप्लाई में अंतर 2505 मेगावाट का है। पावर एक्सचेंज से बिजली खरीदने और ग्रामीण शहरी इलाकों में अघोषित बिजली कटौती के बावजूद बिजली किल्लत बनी हुई है। राजस्थान में कोयले से चलने वाले थर्मल पावर प्लांट्स की कुल कैपेसिटी 7580 मेगावाट हैए जबकि 4010 मेगावाट कैपिसिटी की थर्मल यूनिट्स ठप हैं।

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