
बिजली संकट: मानसून कमजोर पड़ने और गर्मी बढ़ने से अचानक बिजली की बढ़ी डिमांड, 4 बिजली प्रोडक्शन यूनिट्स ठप






खुलासा न्यूज़ , बीकानेर । राजस्थान में सरकारी और निजी क्षेत्र के 3 सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट्स की 4 बिजली प्रोडक्शन यूनिट्स ठप हो गई हैं। टेक्निकल कारण यूनिट्स बंद होने का कारण बताया जा रहा है। लेकिन इससे सीधे तौर पर 2520 मेगावाट का बिजली प्रोडक्शन घट गया है। छबड़ा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट और सूरतगढ़ सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट की 660-660 मेगावाट की 1-1 यूनिट्स टेक्नीकल कारणों से ठप हो गई हैं। जबकि निजी क्षेत्र के एक थर्मल पावर प्लांट की 600-600 मेगावाट की दो यूनिट भी ठप हो गई हैं।
दूसरी ओर राजस्थान में मॉनसून कमजोर पड़ने और गर्मी बढ़ने से अचानक बिजली की डिमांड बढ़ गई है। राजस्थान में 31 अगस्त को बिजली की अधिकतम डिमांड 13808 मेगावाट रिकॉर्ड की गई। जबकि उपलब्धता 11595 मेगावाट रही। औसत डिमांड भी 12059 मेगावाट रही है। 2213 मेगावाट बिजली अधिकतम डिमांड से कम पड़ गई है।
सूत्र बताते हैं अगस्त महीने में सबसे ज्यादा बिजली खपत आखिरी के दो दिनों 30-31 अगस्त को रिकॉर्ड हुई है। जब एक दिन में करीब 27 करोड़ यूनिट बिजली की खपत हुई है। 17 अगस्त को 19 करोड़ यूनिट महीने की सबसे कम बिजली खपत रिकॉर्ड की गई थी।
ये हालात तब हैं जबकि तीनों बिजली कंपनियों- जयपुर डिस्कॉम, अजमेर डिस्कॉम और जोधपुर डिस्कॉम ने पूरे राजस्थान में लोड शेडिंग कर ग्रामीण इलाकों के फीडर्स से जमकर बिजली कटौती करना शुरू कर दिया है। सबसे ज्यादा बिजली कटौती की मार गांवों और कस्बाई इलाकों में पड़ रही है। जहां 2-3 घंटे तक बिजली कटौती की मार झेलनी पड़ रही है। कई जगह मेंटेनेंस और फाल्ट के कारण बिजली गुल होने का सामना उपभोक्ताओं को करना पड़ रहा है।


