मुस्कुराइये, आप गड्ढो के शहर बीकानेर में है…

मुस्कुराइये, आप गड्ढो के शहर बीकानेर में है…

बीकानेर. शहर में जहां हाथ रखों, वहीं दर्द दिखाई देता है। ऐसी ही दास्तां शहर के हर इलाके की है जहां जगह-जगह बड़े गड्ढे है। इसके बावजूद भी आप लोग मुस्कुराते रहिए, क्योंकि आप गड्ढो के शहर बीकानेर में है। शहर में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां सड़कें टूटी नहीं हो। हर जगह टूटी सड़कें अब बड़-बड़े गड्ढो में तब्दील हो गई है। इससे इन रास्तों से आने वाले लोगों को काफी समस्या हो रही है। अगर समय रहते इन गड्ढों को भरा नहीं गया तो बड़ी जनहानि होने की संभावना है। कई इलाकों में बड़े गड्ढे होने से आस-पास के मोहल्ले के लोगों ने मिलकर उन रास्तों को पाइप व लकड़ी लगाकर बंद कर दिया। जिससे इन रास्तों से कोई न आ सकें और जा सकें।

 

शहर की सड़कों पर लोग दो तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं। बारिश होने पर जलभराव नाले व नालियां जाम होने से सड़क व घरों में पानी भर जाता है। दूसरा गड्ढों वाली सड़कों से परेशान है। मध्य वर्षा होने पर जगह-जगह सड़कें धसक गई हैं। इनके धसकने से वाहन चालक व पैदल लोग परेशान हैं। मोहल्ले की सड़कों की हालत ज्यादा खराब हो चुकी है। यह समस्या वर्षा के पहले तैयारी नहीं करने की वजह से बढ़ी है। अब पूरे मानसून सीजन में इन दोनों समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बारिश का दौर शुरू होने के साथ ही सडक़ों के हाल-बेहाल हो गए। डामर बरसात के पानी के साथ बह गया। बड़े-बड़े गड्ढे हो गए। इन गड्ढों में पानी भरने के बाद हादसों का भय बना रहने लग गया। यह हाल ग्रामीण क्षेत्र के ही नहीं बल्कि शहर और कस्बों में भी हो गए। बारिश ने सड़कों की गुणवत्ता की पोल खोल दी। कुछ सड़कें तो लाखों रुपए खर्च करके बनी ही थीं जो भी उधडऩी शुरू हो गई। ऐसे में इन टूटी सड़कों पर आए दिन कोई न कोई हादसा होता रहता है और लोग गंभीर रुप से घायल भी होते है। सड़कों की रही-सही कसर भारी वाहनों ने पूरी कर दी। बहरहाल कारण जो भी हों, लेकिन इन जानलेवा गड्ढों को समय रहते भरवाया जाना चाहिए। इन हालातों में वाहन चालकों, खासकर दुपहिया वाहन चालकों का निकलना मुश्किल हो जाएगा। दुर्घटनाओं का अभी से भय बना रहने लग गया। शहर के नाले व नालियां चौक पड़ी हैं। इस कारण 20 से 40 मिली मीटर वर्षा होने पर ही शहर की सड़कों व रास्तों पर पानी भर जाता है। गली मोहल्ले तालाब बन जाते हैं। लोगों के घरों तक पानी भर जाता है। वर्षा के पहले नाले व नालियों की सफाई नहीं किए जाने की वजह से इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यदि 70 से 100 मिमी वर्षा होती है। यदि वर्षा की गति तेज होती है तो शहर में बाढ़ जैसे हालात हो जाएंगे। क्योंकि पानी की निकासी ठीक नहीं है। कचरा व पालीथिन से यह जाम हो जाते हैं।

 

खुलासा टीम ने बनाया वीडियो
पिछले माह महापौर के वार्ड में सफाईकर्मी एक ही सड़क को साफ करने के लिए 10 से ज्यादा सफाई कर्मी लगे गए थे, लेकिन जब खुलासा टीम ने इन सफाईकर्मियों का वीडियों बनाया तो वे भागते हुए दिखे। जबकि उस सड़क पर इतना कचरा भी नहीं था कि इस सड़क की सफाई करने के लिए दस सफाई कर्मी लगे। ऐसे में इस तरह की कार्यशैली में भ्रष्टाचार की बू आती है।

 

महापौर के तीन साल पूरे, शहर के विकास में रूचि नहीं
नगर निगम की महापौर के तीन साल होने के बावजूद भी शहर का विकास ठप पड़ा है और महापौर शहर के विकास को लेकर किसी भी तरह की कोई रूचि नहीं दिखा रही है। वे तो सिर्फ धरने पर बैठने और अपनी मांग मनवाने में लगी है। लेकिन इससे शहरवासियों को कोई लेना-देना नहीं था, शहरवासी टूटी सड़कों को लेकर भी कई बार महापौर से मिलकर ज्ञापन दे चुके है, लेकिन महापौर इन कार्यो में सूध न लेकर अपनी हठधर्मिता व अपनी मांग मनवा रही है। शहर में कई करोड़ो के प्रोजेक्ट महापौर की हठधर्मिता के कारण ठप पड़े हुए है। वे निगम जाती है, लेकिन शहरवासियों के कार्य नहीं होने के कारण लोग मायूस होकर निकल जाते है।

विधायिका सिद्धि कुमारी की सक्रियता दिखी
जहां एक ओर महापौर विधायक की दावेदारी जता रही है, वहीं वर्तमान पूर्व विधानसभा क्षेत्र की विधायिका सिद्धिकुमारी क्षेत्र के विकास को लेकर सक्रिय दिखाई दे रही है। वे रोजाना किसी न किसी क्षेत्र में विधायक कोटे से बजट जारी करवा रही है और साथ ही विधायक कोटे से होने वाले कार्यो का निरीक्षण कर रही है। इसके अलावा वे अधिकारियों को जल्द कार्य निपटने के निर्देश भी दे रही है। जहां विधायक अकेले लड़ रही है वहीं महापौर अपने परिवार के साथ निगम की कुर्सी संभाल रही है। लेकिन फिर भी किसी भी तरह के विकास कार्य नहीं हो रहे है। निगम में महापौर से ज्यादा उनके परिवार वालों का दखल ज्यादा होता है। जिनमें नालियों, सड़कों व सफाई के ठेकों का आवंटन सहित कई कार्यो में महापौर के परिवारवालों का दखल रहता है और सबसे ज्यादा इनकी ही चलती है। महापौर के परिवारवालों के खिलाफ कोई बात करते है वे कर्मचारियों को धमकाने का काम भी करते है।

पिछली सरकार में महावीर रांका खड़े होकर करवाया था काम
पिछली भाजपा सरकार में यूआईटी चैयरमेन महावीर रांका ने मानूसन के सीजन में खड़े होकर गिन्नाणी व सूरसागर की सफाई करवाई, तो वहीं वर्तमान में महापौर सुशीला कंवर तो गिन्नाणीवासियों व सूरसागर के हालात भी नहीं देख रही है। वे इन क्षेत्र के समस्याओं को सुनने व हल करने में रूचि नहीं दिखा रही है। मानसून के सीजन में जहां गिन्नाणी के निवासियों का बुरा हाल हो गया था, उस दौरान भी महापौर इन क्षेत्रों में इन दर्द सुनने व इनकी समस्याओं को सुनने भी नहीं गई।

धूल का भी करना पड़ेगा सामना
वर्षा के कारण जगह पेंच वर्क उखड़ गया है। वर्षा थमने के बाद सड़कें सूख जाएंगी। इसकी वजह से वाहनों से धूल उड़ना शुरू हो जाएगी। जिससे अस्थमा व एलर्जी सहित अन्य बीमारी वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

 

Join Whatsapp
टी.एन.ज्वैलर्स हॉलमार्क ज्वैलरी शोरूम बाबूजी प्लाजा मो 800355555 जेवराती सोना 20 कैरट 87900 रेट , 22 कैरट 92900 चांदी 110000 |टी.एन.ज्वैलर्स हॉलमार्क ज्वैलरी शोरूम बाबूजी प्लाजा मो 800355555 जेवराती सोना 20 कैरट 87900 रेट , 22 कैरट 92900 चांदी 110000 |