
घर जमीन में मंदिर और पुलिस थानों को भी मिलेगा पट्टा







जयपुर । प्रदेश में आमजन को सुलभ पट्?टा दिलवाने के लिए शुरू किया गया च्प्रशासन शहरों के संगज् अभियान ही बदलावों का अभियान बन चुका है।प्रदेश में आमजन को सुलभ पट्टा दिलवाने के लिए शुरू किया गया च्प्रशासन शहरों के संगज् अभियान ही बदलावों का अभियान बन चुका है। अब तक 10 माह में 78 संशोधन कर चुके विभाग ने बुधवार को तीन और संशोधन किए। इनमें से 6 नियम तो पिछले सप्ताह ही बदले गए। नए नियमों के तहत अब घर या निजी जमीन पर मंदिर है, तब भी पट्टादिया जा सकेगा। इसके अनुसार, किसी के घर या आबादी के बीच निजी जमीन पर मंदिर बना है।ऐसी जमीन का अगर मालिकाना हक पेपर हो या बिजली पानी कनेक्शन का दस्तावेज हो तो उस निजी मंदिर का पट्टा लिया जा सकेगा। ट्रस्टों के मंदिरों के पट्टे पहले से दिए ही जा रहेहैं। इसके अलावा किसी के पास भी राजकालीन समय से 2018 तक की पड़त भूमि है तो उस पर टाउनशिप लाई जा सकेगी। साथ ही पुलिस थानों का भी पट्?टा अब लिया जा सकेगा।आजादी के बाद जो भूमि गैरमुमकिन आबादी में दिखाई, उनके भी पट्?टे
राजकालीन समय से 2018 से पहले तक चाहे किसी भी व्यक्ति की निजी जमीन हो, इस पर टाउनशिप ला सकेंगे। वे प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टे के लिए आवेदन कर सकेंगे। साथ ही राजकाल समाप्त होने पर सैकड़ों जगह आबादी की जमीनें निकायों के नाम गैरमुमकिन आबादी में दर्ज कर ली गईं थी। अब आबादी के बावजूद उस भूमि की किस्म गैरमुमकिन आबादी होने के कारण लोन आदि नहीं मिल रहे। अब ऐसी जमीनों को आबादी में ट्रांसफर कर पट्टे देंगे।जिससे लोगों को हक मिले।सीएम-मंत्री की मंशा के अनूरूप छूट दी, लागू करना बाकी : संधु
यूडीएच व स्वायत्त शासन के स्टेट सलाहकार जीएस संधु ने कहा कि 213 निकायों की जमीनी समस्याएं जैसे-जैसे सामने आईं, उनके समाधान के लिए नियम बदले या स्पष्टीकरणनिकाले। अब सभी जगह से आई समस्याओं के समाधान किए जा चुके हैं। अब केवल लागू करना बाकी है। सीएम गहलोत और मंत्री धारीवाल की मंशा के अनुरूप बहुत छूट दी गईहै। तक पट्टे व अन्य शुल्क में छूट दी गई है।
बड़ा सवाल- कैसी प्लानिंग की, 81 संशोधन करने पड़े?
प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर सीएम, धारीवाल ने निकायों के साथ कलेक्टरों को भी टार्गेट दिया है। यूडीएच सलाहकार संधु से सभी जिलों की मॉनिटरिंग करवाई जा रहीहै। ऐसेमें सबसे बड़ा सवाल है कि 10 माह में 81 बार नियम संशोधित क्यों करने पड़े? 213 स्थानीय निकाय और 14 नगय निकायों से आए दिन सरकार से हर समस्या का स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। पट्टा अभियान न रुके, इसके लिए हर निकाय की प्रश्नावली पर नया स्पष्टीकरण जारी किया जा रहा है।


