
राजूवास के डॉक्टर्स ने वेटरनरी रेजिडेंट डॉक्टर्स भत्ता बढ़ाने की मांग






जयपुर । वेटेरिनरी यूनिवर्सिटी राजूवास बीकानेर की विभिन्न महाविधालयो में पीजी रेजिडेंट एवम् पीचडी कर रहे वेटेरिनरी डॉक्टर्स के प्रतिनिधि मंडल ने जयपुर में पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया से मिलकर राज्य में पशु चिकित्सा मे पीजी एवम् पीएचडी मे शोध एवम् अनुसंधान करने वाले डॉक्टर्स के के भत्ते को बढ़ाकर मेडिकल डॉक्टर्स के समान 55,000 रु करने की मांग की। इससे पहले वेटेरिनरी यूनिवर्सिटी राजूवास के वीसी ने सरकार को पत्र लिखकर भत्ते को बढ़ाने की मांग की, लेकिन सरकर ने अभी तक वेटेरिनरी डॉक्टर्स का भत्ता बढ़ाने को लेकर कोई रूचि नहीं दिखाई है।
समान शिक्षा, असमान वेतन –
वेटेरिनरी कॉलेज बीकानेर के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष डॉ धर्म कुमावत ने बताया कि राज्य में वेटेरिनरी डॉक्टर्स को पीजी एवम् पीएचडी के दौरान राज्य सरकार मात्र 10,000 रु. मासिक भत्ता देती हैं जिसे पिछ्ले 7 वर्षों से नहीं बढ़ाया गया है। जबकि वेटेरिनरी एजुकेशन के समकक्ष मेडिकल एवम् आयुर्वेद में पीजी मे 55,000 ₹ भत्ता है , तथा मेडिकल में सुपरस्पेसिलिट कोर्स में 65,000 ₹ दिए जा रहे है ।
मेडिकल, आयुर्वेद तथा वेटेरिनरी मे दाखिला एक ही प्रवेश परीक्षा NEET से मिलता है, तथा सभी कोर्स 5 साल से ज्यादा समय मे पूर्ण होते है। समकक्ष बैचलर डिग्री पूर्ण पूर्ण समान योग्यता पर पीजी करने वाले डॉक्टर्स मे वेतन में इतनी असमानता क्यों ? जबकि यूजी इंटर्नशिप में राज्य सरकार वेटेरिनरी इंटर्न डॉक्टर्स को मेडीकल तथा आयुर्वेद इंटर्न के बराबर 14,000 भत्ता प्लस डीए देती हैं।
जूनियर्स को सीनियर्स से ज्यादा वेतन –
राज्य के वेटेरिनरी पीजी व पीएचडी डॉक्टर्स एसोसिएशन का कहना हैं कि यह केवल हमारे देश में ही हो सकता है , जहा सरकार को यह तक नहीं दिख रहा की वेटेरिनरी यूजी इंटर्न डॉक्टर्स को कुल भत्ता 19,000 रु राज्य सरकार दे रही हैं जबकि उनके पीजी व पीएचडी सीनियर्स को मात्र 10,000 रु मासिक भत्ता दिया जा रहा है।


