
हाईकोर्ट ने चीफ सेक्रेट्री, प्रमुख लॉ सेक्रेट्री से किया जवाब-तलब, बच्चे-बच्चियों से रेप-क्राइम पर चिंता





राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में पॉक्सो एक्ट (The Protection of Children from Sexual Offences Act, 2012) के तहत पेंडिंग केसेज के जल्द निपटारे लिए सभी जिलों में उचित संख्या में स्पेशल कोर्ट्स नहीं खोलने पर चीफ सेक्रेट्री, प्रमुख लॉ सेक्रेट्री को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। CJ एसएस शिंदे और जस्टिस अनूप ढ़ंड की डिविजनल बेंच ने एडवोकेट कुणाल रावत की PIL (जनहित याचिका) पर यह आदेश दिए। याचिका में पोक्सो की और कोर्ट खोलने, नाबालिग रेप पीड़िताओं के केसेज की टाइम बाउंड सुनवाई करने, बच्चों को सेक्सुअल क्राइम के बारे में अवेयर और एजुकेट करने की मांग उठाई गई है।
याचिका में मुख्य तौर पर कहा गया है कि पोक्सो कोर्ट और ज्यादा खोली जानी चाहिए। प्रदेश के कुछ जिलों को छोड़कर सभी जिलों में पोस्को कोर्ट नहीं हैं। 12 साल से कम उम्र के बच्चों का अलग से ट्रायल हो और उससे ऊपर की उम्र के नाबालिग बच्चों का अलग ट्रायल होना चाहिए। क्योंकि दोनों तरह के बच्चों के शारीरिक मानसिक लेवल में फर्क होता है। राज्य सरकार बच्चों को एजुकेट करने का काम भी करे। क्योंकि स्कूली बच्चे बस, ऑटो, वैन में स्कूल आते-जाते हैं। उन्हें गुड टच और बैड टच की जानकारी होनी चाहिए। उनके साथ कोई घटना होती है, तो उन्हें क्या करना है। इसका जागरुकता का काम सरकार को करना चाहिए। साथ ही कोर्ट से कहा गया कि हाईकोर्ट में पोक्सो केसेज की अपीलों पर अलग से बेंच बनाकर टाइम बाउंड सुनवाई की जाए। सरकार की ओर से AAG गणेश मीणा पेश हुए। उन्हें कोर्ट ने याचिका की कॉपी दिलवाई। मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी। याचिका पर सरकार की ओर से जवाब भी दिया जाएगा।


