
जूनागढ़ की क्षतिग्रस्त दीवार बनेगी, दो सप्ताह तक आवागमन बंद






बीकानेर. पुरानी गिन्नाणी में जल भराव की समस्या की असली जड़ 34 साल पुरानी सीवरेज है, जिसकी सफाई कभी की ही नहीं गई। सूरसागर के सेल्फ ी पॉइंट से लेकर फ ोर्ट डिस्पेंसरी तक की सीवरेज जाम पड़ी है। जमीन से करीब 25 फ ीट गहरी इस सीवरेज को 50 मीटर लंबाई तक खोद कर साफ किया जाएगा। यह सीवरेज 1988 में पीएचईडी ने डाली थी। भारी बारिश के कारण पुरानी गिन्नाणी में जल भराव और जूनागढ़ की खाई और सूरसागर के पानी जाने की समस्या को देखते हुए कलेक्टर ने आरयूआईडीपी के एक्सईएन अनुराग शर्मा को बुलाया था। क्योंकि 2008 में आरयूआईडीपी ने बरसाती पानी की निकासी के लिए चार बड़े नालों का निर्माण कराया था।
उस वक्त उन्होंने जूनागढ़ और सूरसागर के बीच वाला नाला भी डाला था। इसका पूरा नक्शा उनके पास है। अनुराग ने कलेक्टर को बताया कि सेल्फ ी पॉइंट से लेकर फ ोर्ट डिस्पेंसरी तक पुराना गंदा नाला है, जो सीवरेज के काम आता है। इसे खोलकर साफ करना होगा। नाला बंद होने से पानी आगे नहीं जा रहा है। यही कारण है कि बारिश के पानी की निकासी नहीं हो पाती। जिला कलेक्टर के निर्देश पर नगर निगम ने अब नाले की सफ ाई कराने काम शुरू किया है।
इसी प्रकार गिन्नाणी के सामने जूनागढ़ की क्षतिग्रस्त दीवार और टूटी हुई सड़क की मरम्मत का काम भी सोमवार को शुरू कर दिया गया। खाई का पानी पंप करके निकालने के लिए जूनागढ़ के दूसरी तरफ की दीवार को तोड़ा गया है। मरम्मत कार्य को देखते हुए जूनागढ़ के सामने और गिन्नाणी की तरफ वाला रास्ता बंद कर दिया गया है। यह मार्ग करीब दो सप्ताह तक बंद रहेगा। इस रास्ते से रोजाना करीब 50 हजार लोग गुजरते हैं। इन लोगों को धोबीधोरा, हनुमान हत्था, आर्मी रोड और गिन्नाणी के बाहर से आवागमन करना होगा।


