Gold Silver

शहर में अवैध डेयरियों की भरमार, आमजन परेशान

निखिल स्वामी की ग्राउंड रिपोर्ट
बीकानेर. बस्तियों में नालियां बजबजा रही हैं, नुक्कड़ डलावघर बने हुए हैं, बरसों से इनकी गलियां बरसात में तलैया बन जाती है। अवैध कब्जों की भरमार हैं, नालियां नहीं है और समस्याएं बताने पर सुनवाई नहीं होती है। यानि समस्याएं ही समस्याएं सुकून बिल्कुल भी नहीं। यह शहर के कच्ची बस्तियों सहित मुख्य इलाकों की है। जहां अवैध डेयरियों से आमजन काफी परेशान है, लेकिन इनकी सुनवाई करने के लिए न तो मंत्री, जिला कलक्टर और अधिकारी करते है। शहर में लोग इन डेयरियों में गायें, भैंस, बकरियां, श्वान सहित अन्य पशु पालते है। जिससे इनकी गंदगी से आस-पास के लोग काफी परेशान रहते है। मजे की बात है कि शिक्षामंत्री, ऊर्जामंत्री, आपदा प्रबंधन मंत्री व शहर का प्रथम व्यक्ति महापौर के स्वयं के वार्ड में करीब 50 डेयरी भी उपलब्ध है। लेकिन फिर भी इन अवैध डेयरियों पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। शहर में घूमने वाले लावारिश पशु ही नहीं बल्कि डेयरियों में पलने वाले मवेशी भी गंदगी का बड़ा कारण है। डेयरियों का पंजीकरण नहीं है। ऐेसे में गली-मोहल्लों में डेयरियां खुली हुई है। मवेशियों के गोबर और गंदगी से नालियां जाम होने से गंदगी सड़कों पर फैली रहती है। इससे मच्छरों की भरमार रहती है। आस-पास के लोग दुर्गंध और गंदगी से परेशान होते है। कई डेयरियों की गंदगी नालों व कचरे के पहाड़ बन जाते है। कई जगह तो हालात यह है कि इन पशुओं की गंदगी सड़कों पर फैली रहती है, ऐसे में इन रास्तों से जाना भी चुनौती व जोखिमभरा रहता है। शहरवासियों ने कई बार प्रशासन व सरकार को अवैध डेयरियों को बंद करवाने की मांग की है, लेकिन इन पर पूरी तरह से लगाम नहीं लगी है।

इन जगहों पर सबसे ज्यादा डेयरियां
बारहगुवाड़, नत्थूसर गेट के अंदर व बाहर, बड़ा गणेश मंदिर के पास, लालीबाई बगेची के पास, मुरलीधर व्यास कॉलोनी रोड़, नत्थूसर बास, ईदगाह बारी के बाहर, धर्मनगर द्वार के अंदर, रंगा कॉलोनी, अन्त्योदय नगर, बंगलानगर, जवाहरनगर, सर्वोदय बस्ती, प्रताप बस्ती, जेलरोड़, लक्ष्मीनाथ मंदिर के पास, जैन स्कूल के पास, रानीबाजार औद्योगिक क्षेत्र रोड़ नं 5, चौधरी कॉलोनी, पवनपूरी, सुजानदेसर, श्रीरामसर, करमीसर, किसमीदेसर, जयनारायण व्यास कॉलोनी, कांता खतूरिया कॉलोनी, शिवबाड़ी, गंगानगर रोड़, बल्लभ गार्डन, गोगागेट, लालगुफा रोड,पुष्करणा स्कूल के पास, दम्माणी चौक, जस्सुसर गेट, चौखूंटी आदि क्षेत्रों में डेयरियां सर्वाधिक है।

अभियान सिर्फ कुछ दिन का, फिर आ जाते है पशु
नगर निगम की ओर से आवारा पशुओं को पकड़ने की कार्रवाई के लिए अभियान चलाया जाता है, लेकिन यह अभियान कुछ दिनों तक ही चल पाता है और उसके बाद यह भूल जाते है।नगर निगम की ओर से कई बार ऐसे मवेशी भी पकड़ लिए जाते है जिनको फिर उनके मालिक आकर छोड़ा लेते है और कई बार तो निगम के कर्मचारी व ठेकेदार इन आवारा पशुओं के शहरके नजदीक ही छोड़ देते है जिससे यह पशु कुछ दिनों में वापिस उसी जगह आ जाते है।

Join Whatsapp 26