
बोर्ड ने लौटाई सरकारी भर्तियों की फाइल, अब एमएनआईटी और आरयूएचएस से आस






सीकर प्रदेश में चिकित्सा विभाग की लैब टेक्नीशियन और रेडियोग्राफर की भर्ती फिर से पेंच में फंस गई है। दरअसल, पिछले दिनों कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से ही भर्ती कराए जाने की तैयारी थी। लेकिन कर्मचारी चयन बोर्ड ने भर्तियों की अधिकता को देखते हुए अभी भर्ती कराने से मना कर दी है। चयन बोर्ड का तर्क है कि दिसम्बर तक भर्तियों का कलेंडर पहले से जारी है। ऐसे में नए भर्ती अभी तत्काल कराया जाना संभव नहीं है। हालांकि सूत्रों का दावा है कि चिकित्सा विभाग की से अभी कर्मचारी चयन बोर्ड को दोनों परीक्षाएं कराए जाने के लिए सरकार स्तर पर भी दवाब बनाया जा रहा है। यदि कर्मचारी चयन बोर्ड परीक्षा कराने की सहमति नहीं देता है तो इन भर्तियों में देरी होना तय है। इससे बेरोजगारों की मुसीबत बढ़ेगी। ऐसे में इन परीक्षाओं का जिम्मा एमएनआईटी या राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय को दिया जा सकता है। इनमें से एक एजेंसी के पास पिछले दिनों भी चिकित् विभाग ने फाइल भेजी थी।
पहली बार भर्ती लिखित परीक्षा से होगी
चिकित्सा विभाग में पहली बार यह भर्तियां लिखित परीक्षा से कराए जाने की तैयारी है, इससे बाहरी राज्यों से डिग्री लाने वाले अभ्यर्थियों पर पूर्णता रोक लग सकेगी। अगर कोई फर्जी अभ्यर्थी डिग्री लेकर भी आ जाता है तो वह लिखित परीक्षा के जरिए लगाम लग सकेगी।
संभावना: भर्ती में बढ़ सकते हैं पद
लैब टेक्नीशियन भर्ती में 300 और रेडियोग्राफर में 200 के लगभग पदों की बढ़ोतरी हो सकती है। फिलहाल लैब टेक्नीशियन में 900 और रेडियोग्राफर में 800 पदों की भर्ती की सहमति बनी थी। बेरोजगारों को इन दोनों भर्तियों का लगभग एक साल से इंतजार है।


