
राजस्थान में 5 पावर प्लांट यूनिट बंद, कोयला-बिजली संकट





- जयपुर। राजस्थान में बिजली और कोयला संकट गहराने लगा है। प्री-मॉनसून बारिश का दौर थमने के बाद से बिजली की डिमांड बढ़ी हुई है। मॉनसून पीरियड में छत्तीसगढ़ की कोयला माइंस और कोल इंडिया से प्रदेश के थर्मल प्लांट्स के लिए कोयला सप्लाई में कमी की आशंका से बिजली विभाग सतर्क हो गया है।
बिजली कंपनी-राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को अंदेशा है कि राजस्थान में 4340 मेगावाट के बिजली प्लांट्स मॉनसून पीरियड में ठप हो सकते हैं। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा है कि राजस्थान को अंधकार से बचाने के लिए मैं छत्तीसगढ़ की जनता और प्रशासन से मदद की अपील करता हूं।
जुलाई-अगस्त-सितम्बर में बिजली खरीदने के शॉर्ट टर्म टेंडर निकाले
बिजली संकट से निपटने के लिए राजस्थान ऊर्जा विकास निगम ने आनन-फानन में अगले तीन महीनों- जुलाई, अगस्त, सितम्बर के लिए 500-500 मेगावट के शॉर्ट टर्म बिजली खरीद के टेंडर निकाले हैं। 27 जून तक ये टेंडर खोले जाएंगे। इन टेंडर्स पर रेट की किसी तरह की कैपिंग नहीं होती है। केंद्र से तय 12 रुपए यूनिट से ज्यादा रेट भी टेंडरिंग में आ सकती है।
बिजली खरीदने के लिए जुलाई,अगस्त,सितम्बर 2022 के टेंडर निकाले।
अधिकतम डिमांड से बिजली उपलब्धता हुई कम
राजस्थान में बिजली की अधिकतम डिमांड 11904 मेगावाट, औसत डिमांड 10595 मेगावाट और औसत उपलब्धता 11623 रिकॉर्ड हुई है। अधिकतम डिमांड से 281 मेगावाट बिजली कम पड़ रही है। पिछले दिनों प्री-मानसून बारिश के दौर में बिजली डिमांड में 9 करोड़ 18 लाख यूनिट से ज्यादा प्रतिदिन की बड़ी गिरावट आई थी। इसके चलते 2 से 4 घंटे तक हो रही घोषित-अघोषित बिजली कटौती बंद कर दी गई थी। तब पीक आवर्स में औसत डिमांड से 1692 मेगावाट बिजली ज्यादा हो गई थी। अब फिर से अघोषित बिजली कटौती भी शुरु हो गई है। फीडर्स को रोस्टर पर चलाकर आधा घंटे से 1 घंटे तक कटौती की जा रही है। कई जगह फाल्ट और मेंटेनेंस के नाम पर भी पावर कट हो रहा है।
सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट।
5 थर्मल पावर प्लांट की यूनिट्स ठप
सूत्रों के अनुसार प्रदेश में 5 थर्मल पावर प्लांट की यूनिट फिलहाल ठप हैं। इनमें सूरतगढ़ प्लांट की 250-250 मेगावाट की दो यूनिट और सूरतगढ़ की सुपर क्रिटिकल 660 मेगावट की यूनिट, छबड़ा की 250 मेगावाट यूनिट और कोटा थर्मल की 210 मेगावट की एक यूनिट बंद हैं। इन यूनिट्स के ठप होने से 1620 मेगावाट प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा है।


