
पढ़ाई को पंख सरकारी खर्च पर विदेश में एमबीबीएस व बीटेक भी,






जयपुर। विदेशों में पढ़ाई करने के इच्छुक राजस्थानी विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। अब 8 लाख नहीं बल्कि 25 लाख तक वार्षिक आय वाले परिवारों के बच्चे सरकारी खर्च पर विदेश में पढ़ाई कर सकेंगे। इसके लिए राज्य सरकार ने राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना में एक साल पूरा होने से पहले ही नियमों में संशोधन कर दिए हैं
अब 150 विदेशी संस्थानों में पढऩे जा सकेंगे
पहले अभ्यर्थी के परिवार की कुल आय 98 लाख निर्धारित थी। अब इस आय वर्ग के छात्रों को ट्यूशन फीस के अलावा अन्य खर्चों का 100त्न भुगतान (अधिकतम 12 लाख) होगा। आठ लाख से 25 लाख आय वालों को ट्यूशन फीस के अलावा 50त्न (अधिकतम 10 लाख) भुगतान देय होगा। 25 लाख से अधिक आय वाले छात्रों को ट्यूशन फीस के अलावा अन्य खर्चों का भुगतान नहीं होगा।
योजना में 200 सीटें तय हैं। इनमें पहले ह्यूमैनिटिज, मैनेजमेंट, पब्लिक हैल्थ जैसे कोर्स शामिल थे। अब स्नातक स्तर पर अधिकतम 15 छात्रों को बीई, बीटेक, एमबीबीएस, बीडीएस के अलावा सभी तरह के कोर्स के लिए स्कॉलरशिप दी जाएगी।
सर्वोत्तम 25 क्यूएस रैंकिंग वाली यूनिवर्सिटी को ही पात्र माना जाएगा। यानी इन्हीं यूनिवर्सिटीज में पढऩे जा सकेंगे। योजना की शुरुआत में 50 विदेशी संस्थान शामिल थे, अब यह संख्या 150 हो गई है।
बदलाव का कारण
आवेदन 200 मांगे, आए 60 ही
पिछले साल राज्य सरकार ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड, कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट, यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज, प्रिंसटॉन यूनिवर्सिटी, शिकागो, लंदन, यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो जैसे संस्थानों में पढऩे का पूरा खर्चा देने के लिए यह योजना शुरू की थी। 200 सीटों के लिए 2 बार आवेदन मांगे लेकिन क्रमश: 85 व 123 आवेदन ही आए। इनमें से 60 विद्यार्थियों का ही स्कॉलरशिप के लिए चयन हो पाया।
योजना की गाइडलाइंस में संशोधन किए हैं ताकि अधिक स्टूडेंट्स को लाभ मिले। – शुचि त्यागी, आयुक्त, कॉलेज शिक्षा विभाग


