
निगम की आवारा पशु पकडऩे की गति धीमी, शहर में चारों तरफ है भरमार, आये दिन आमजन को लेते है अपनी चपेट में, देखे वीडियों





बीकानेर। संभागीय आयुक्त नीरज के पवन की एक अच्छी पहल की शहर में घूम रहे आवारा पशुओं को पकडक़र उनको गौशालाओं में भेजा जाये जिससे की शहर में आवारा पशुओं से आमजन के साथ होने वाली दुर्घटनाओं से निजात मिल सके। इसके लिए उन्होंने नगर निगम को पांबद कर निर्देश दिये कि शहर में आने वाले समय में आवारा पशु कही घूमता नहीं मिले। लेकिन लगता है निगम प्रशासन इस आदेश को हल्के में ले रहा है। शहर में पुरानी जेल, मेडिकल चौराह, ईदगाह, तुलसी सर्किल, नत्थुसर गेट, मुरलीधर व्यास कॉलोनी, पुष्करणा स्टेडियम के पास बेसिक स्कूल के पास जोशीवाड़ा, कोटगेट सब्जी मंडी, राजीव गांधी मार्ग, बड़ा बाजार, सुभाष मार्ग, शीतला गेट आदि इलाको में आवारा पशुओं को भरमार है। पशु मालिक गायों का दूध लेने के बाद उसको खुले में छोड़ दिया जाता है जिससे व भूख मिटाने सडक़ों पर घूमती रहती है। शहर के कई ऐसे दुकानदार व होटल वाले है जो शाम होते ही सडक़ पर अपनी दुकान व होटल व ज्यूस का जो भी कचरा होगा वो खुले में सडक़ पर फैंक देते है जहां पर देर रात तक आवारा पशु घूमते है। जो आने जाने वाले राहगिरों को चोट पहुंचाते है। अब तक शहर के सैकड़ों लोग इस आवारा पशुओं की चपेट में आतेे है। वहीं निगम प्रशासन बस खानापूर्ति करता नजर आ रहा है। सोमवार से शुरु हुए इस अभियान के बाद भी शहर में आवारा
पशुओं की भरमार है।
आवारा पशुओं से वाहनों का होता है नुकसान
कई ऐसे चौक है जहां पर गाय गोधे दिन रात बैठे रहते है जिससे चौक में खड़े वाहनों को पशुओं के द्वारा तोडफ़ोड कर दी जाती है। मालिकों द्वारा शाम होते ही इन पशुओं को खुला छोड़ देते है जिससे शहरवासियों को काफी नुकसान हो रहा है। अगर कोई व्यक्ति किसी पशु को लेकर कुछ कह देते है तो झगड़ा शुुरु हो जाता है। अभी कुछ ही दिन पहले एक युवक को गोधे ने पीछे से मारा जिससे उसको अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। ऐसे कई मामले है जो आये दिन आमजन के साथ घटित होते है। अब देखते है कितने पशुओं को पकड़ कर गौशालाओं में डालते है।
आप हमें भी बताये कि और कैसे ऐसे इलाके है जहां पर आवारा पशुओं की भरमार है अगर आपको ऐसा दिख्ेा तो हमारे मोबाइल में पशुओं की फोटो व जगह का नाम लिखकर भेज देवे हम आपकी समस्याओं को संभागीय आयुक्त तक पहुंचाने का प्रयास करेंगें।

