
राज्यसभा चुनावों के बाद गहलोत मंत्रिमंडल का विस्तार






जयपुर। बसपा से कांग्रेस में आए नाराज विधायक आखिर कैसे माने? बताया जा रहा है कि गहलोत ने कोई जादू की छड़ी घुमाई है। राज्यसभा चुनावों से ठीक पहले नाराज हुए कांग्रेस, निर्दलीय व समर्थक विधायकों को भले ही मना लिया गया हो। सीएम अशोक गहलोत ने भले ही सबको बाड़ेबंदी तक पहुंचा दिया हो, पर इन्हें साधने के लिए सरकार एक और मंत्रिमंडल विस्तार करने जा रही है। नाराज विधायकों की ष्टरू और उनके नजदीकी लोगों से बातचीत में इसके स्पष्ट संकेत मिले हैं।
दरअसल, राज्यसभा चुनावों की बाड़ाबंदी के पहले दिन आधे विधायक ही उदयपुर पहुंचे थे। बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले 6 विधायकों में से जोगिंदर अवाना, दीपचंद खैरिया को छोड़ बाकी 4 विधायक बाड़ेबंदी में नहीं गए। सरकार के खिलाफ बयानबाजी की भी।
इसके बाद कांग्रेस के ही गिर्राज मलिंगा भी इस ग्रुप (जी-5) में शामिल हो गए। हालांकि 5 जून को सीएम से मिलने के बाद ये सभी मान गए और उदयपुर पहुंच गए। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही था कि गहलोत ने ऐसी कौन-सी जादू की छड़ी घुमाई? इसी बीच जी-5 के विधायकों के साथ होटल में मंगलवार को सीएम के अलावा राज्यसभा प्रत्याशियों मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी की बैठक हुई।
इसमें उन्हें आश्वासन दिया है कि जल्दी आपके लिए अच्छी खबर आएगी। बता दें कि गहलोत ने 30 नवंबर 2021 को भी कहा था कि हाईकमान का इशारा हुआ तो 6-8 माह में फिर मंत्रिमंडल फेरबदल हो सकता है।


