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बीकानेर में मौत के स्विमिंग पूल, सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं, किसी भी वक्त हो सकता है हादसा

– मामले से प्रशासन बना अनजान, आखिर कब चतेगा ?
– बिना कोई सुविधा दिए इन पूल के संचालक कर रहे है मोटी कमाई
खुलासा न्यूज, बीकानेर। मौज-मस्ती के नाम पर चलाए जा रहे स्विमिंग पूल/ वाटर पार्क लोगों की मौत का कारण बन रहे हैं। यहां नियम कायदों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस भी इस ओर आंखें बंद किए बैठे हैं। नतीजा हर साल कोई न कोई हादसे का शिकार होता है। नियमों की अनदेखी और सुरक्षा-सुविधा नहीं होने के कारण कभी भी किसी भी वक्त हादसा हो सकता है। आखिर प्रशासन कब चतेगा ? स्विमिंग पूलों की चेकिंग करने के लिए अधिकारी न तो स्विमिंग पूलों की चेकिंग कर पा रहे हैं ओर न ही पूलों के लाइसेंस बन पा रहे हैं।

कोई मानक नहीं
स्विमिंग पूल के संचालन के कई मानक है। फैमिली पूल, क्लब पूल और दूसरे पूलों के लिए अलग-अलग गहराई होती हैं। इसके लिए प्रदूषण, भूगर्भ जल विभाग के साथ नगर निगम से एनओसी लेनी पड़ती है। एनओसी के अलावा पूल पर लाइफ सेवर व कोच की नियुक्ति अनिवार्य है। लेकिन जिले में अधिकतर पूलों पर यह सुविधा नहीं है।

कमाई का लालच : सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं
प्रोफेशनल स्विमिंग पूल के लिए कई तरह के नियम हैं। किसी भी वाटर पार्क में पूरी तरह सुरक्षा के नियमों का ख्याल नहीं रखा जाता। कमाई के लालच में वाटर पार्क बना दिए गए हैं। यहां न ही सुरक्षा उपकरण होते हैं और न ही लाइफ जैकेट्स। फर्स्ट एड फैसिलिटी और एक्सपर्ट टीम का होना बेहद जरूरी है, लेकिन न के बराबर जगहों पर प्रशिक्षित टीम है। पूल की गहराई, स्लाइड्स का आकार, लोगों की अधिकतम संख्या को लेकर भी कहीं नियमों का पालन नहीं किया जा रहा। कमाई के लिए धड़ाधड़ बुकिंग करने में पार्क संचालकों का विश्वास होता है, लेकिन न ही वाटर ट्रीटमेंट पर किसी का ध्यान है और न ही पूल के मेंटेनेंस पर। कई हादसे पूल की गहराई ज्यादा होने के कारण भी हो रहे हैं।

बीकानेर में वाटर पार्क के पानी में गुम हो गईं कई जिंदगियां…
– 27 मई 2017 को नापासर के युवक की शेरुणा थाना क्षेत्र के राजमार्ग स्थित एक प्रतिष्ठित होटल के स्विमिंग पुल में डूबने से मौत हो गई। मृतक का नाम दिलीप आसोपा उम्र 31 वर्ष थी।
– 2018 में नाल स्थित वाटर पार्क फन वर्ड में युवक डूब गया। मृतक का नाम दियातरा निवासी पूनमचंद सुथार उम्र 20 वर्ष थी।
– 10 मई 2018 को नापासर के युवक की शेरुणा थाना क्षेत्र के राजमार्ग स्थित एक प्रतिष्ठित होटल के स्विमिंग पुल में डूबने से मौत हो गई । स्विमिंग पुल में सुरक्षा उपकरण एवं तैराक की व्यवस्था नहीं होने से हादसे हो रहे हैं।

– दो साल पहले पूगल रोड स्थित रेलवे क्रॉसिंग के पास एक स्विमिंग पूल में दो समुदाय के लोग आपस में भिड़ गए। दोनों पक्ष मरने-मारने पर उतारू हो गए। शराब पार्टी होने के बाद दोनों पक्ष आपस में भिड़े। त्वरित पुलिस नहीं पहुंचती तो अनहोनी हो सकती थी।
– ज्यादातर स्विमिंग पूलों में शराब पार्टी भी चलती है, अवैध रूप से शराब भी बेची जाती है।

बीते दो सालों में कोरोना की वजह से स्विमिंग पूल बंद होने की वजह से हादसा नहीं हुआ। जिलेभर में वाटर पार्क/स्विमिंग पूल पूल के पानी में कई जिंदगियां गुम हो गई। नतीजा हर साल कोई न कोई हादसे का शिकार होता है।

 

वाटर पार्क में इन बातों का ख्याल रखें..
– सुरक्षा उपकरण होना चाहिए
– योग्य और प्रशिक्षित कोच होना चाहिए।
– लाइफ जैकेट्स, ऑक्सीजन गैस
– मास्क होना चाहिए।
– एक्सपर्ट तैराक, रेस्क्यू टीम होना चाहिए, ताकि डूबने की स्थिति में फेफड़ों से पानी निकाला जा सके।
– एयर ट्यूब और फर्स्ड एड फैसिलिटी होना चाहिए।
– पानी लगातार फिल्टर होना चाहिए। क्लोरिन, एलम, सोडा आदि का संतुलित उपयोग होना चाहिए।
– फ्लोर की नियमित ब्रशिंग और मेंटेनेंस होना चाहिए।
– गहराई बताने के लिए स्पष्ट संकेतक होना चाहिए। गहराई के मान से डेंजर जोन लिखा होना चाहिए।
– स्विमिंग पूल के आकार के मान से लाइफ गार्ड होना चाहिए।
– वॉच गार्ड होना चाहिए, जो पानी के बाहर रहकर निगाह रख सकें।
– सामान्यत: स्विमिंग सिखाने वाले हिस्से में 3 फीट से 6 फीट तक गहराई रखी जाती है, जबकि डायविंग वाले में ज्यादा। पूल में उतरते समय गहराई की जानकारी लेनी चाहिए

वाटर स्लाइड पर इतनी जोर से टक्कर हुई, आंतें फटी

अजमेर के बिड़ला वाटर सिटी पार्क में स्लाइड से आए युवक के टकराने से पूल में खड़े युवक की मौत हो गई। इसके बाद वाटर सिटी पार्क की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खडे़ हो गए हैं। वहीं, हादसे के समय मौजूद लोगों से  बात की तो उनका कहना था कि पार्क में सुरक्षा उपाय प्रोपर नहीं हैं। क्षमता से ज्यादा लोग वहां मौजूद थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि वाटर स्लाइड पर आए यूवक ने नीचे खड़े युवक को बहुत तेज टक्कर मारी। इससे वो चिल्लाने लगा। बाद में पता चला कि युवक की आंतें डेमेज हो गई थीं। शेख जियादुल ने बताया कि 30 मई को महबूब व हम लोग परिवार सहित अजमेर आए थे। दोपहर 2 बजे बिड़ला वाटर सिटी पार्क पहुंचे। 5 बजे करीब ऊपर से आ रहे पाइप में तेज गति से एक युवक आया। पूल में खड़े महबूब से टकराया, जिससे वह गिर गया। जोर-जोर से चिल्लाने लगा और वो उठ नहीं पा रहा था। उसे हॉस्पिटल लेकर गए। हॉस्पिटल में सब कुछ ठीक बताया। इसके बाद उसे घर ले गए। दूसरे दिन पेट में तकलीफ हुई तो फिर हॉस्पिटल आए। लेट हो गए तो उस दिन जांच नहीं हुई। दूसरे दिन जांच हुई और जांच में पाया कि आंत डैमेज है और ऑपरेशन करना पड़ा। इलाज चल रहा था और शुक्रवार को मौत हो गई।

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