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नौतपा नहीं तपा, क्या मानसून भी रूठेगा?, क्या कहते हैं ज्योतिषी और मौसम विभाग?

इस साल 25 मई से 2 जून के बीच नौतपा रहा। ज्योतिषियों के मुताबिक नौतपा का सीजन हिंदू कैलेंडर की तिथियों के आधार पर निकलता है। अमूमन हर साल मई के आखिरी सप्ताह या उससे एक-दो दिन पहले शुरू होकर जून पहले सप्ताह तक खत्म हो जाता है।

जयपुर मौसम केंद्र मुताबिक साल 2015 के बाद ये दूसरी बार है, जब नौतपा के सीजन में इतनी कम गर्मी पड़ी है। साल 2015 में नौतपा के सीजन में अधिकतम तापमान 46.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था। मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि मई के आखिरी 10 दिन में एक्टिव हुए वेस्टर्न डिस्टरबेंस को इसका सबसे बड़ा कारण मान सकते हैं। इन आखिरी दिनों में कम प्रभाव वाले वेस्टर्न डिस्टरबेंस ज्यादा आए, इसमें लोकल लेवर पर क्लाउडिंग (बादल छाने) होने से तापमान बढ़ा नहीं और वेस्टर्न विंड का असर कम पड़ गया।ज्योतिषाचार्य डॉ.  शर्मा ने बताया कि रोहणी नक्षत्र 25 मई से 2 जून तक रहा। इन 9 दिन गर्मी ज्यादा पड़ती है। इस कारण इन 9 दिनों को नौतपा कहते हैं। 10वें दिन से गर्मी कम होने लगती है। सूर्य तेज का प्रतीक होता है और चंद्रमा शीतलता का। रोहिणी नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा है, लेकिन जब सूर्य इस नक्षत्र में प्रवेश करता है तो इसका असर पड़ने लगता है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष नौतपा में गर्मी नहीं पड़ने के पीछे बड़ा कारण 25 मई के बाद कहीं-कहीं आई आंधी, ओलावृष्टि और बारिश है। इससे नौतपा करीब-करीब बेअसर हो गया।

आगे क्या?
माना जाता है कि नौतपा में जितनी तेज गर्मी पड़ेगी, बारिश उतनी ही अच्छी होगी। इस बार तेज गर्मी नहीं पढ़ने से सबके मन में यही सवाल है कि कहीं मानसून रूठ तो नहीं जाएगा? ज्योतिषियों के मुताबिक फिलहाल कुछ तय नहीं है। अगले कुछ दिनों में हवा और अन्य परीक्षणों के जरिए ही यह पता चल सकेगा कि मानसून राजस्थान में कैसा रहेगा। जबकि मौसम विभाग राजस्थान में मानसून सामान्य रहने की भविष्यवाणी की है।

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