
सिंगर सिद्धु मूसेवाला की मर्डर प्लानिंग राजस्थान में, इस जिले के गैंगस्टर ने लॉरेंस का एहसान उतारा






जयपुर. पंजाब के मशहूर सिंगर सिद्धू मूसेवाला के मर्डर का कनेक्शन राजस्थान के शेखावाटी इलाके से है। यहां तक की मर्डर की पूरी प्लानिंग सीकर में ही की गई। मर्डर में शामिल 6 बदमाशों में से 5 पंजाब और 1 सीकर का था। इसके अलावा वारदात में इस्तेमाल गाड़ी भी सीकर की थी। एसआईटी की टीमें राजस्थान में मामले की जांच में जुटी हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि मर्डर की प्लानिंग में सीकर के कई बदमाश शामिल थे।
हुए बड़े खुलासे
सिद्धू मूसेवाला के मर्डर में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। जोधपुर, जयपुर के अलावा सीकर, चूरू, झुंझुनूं, नागौर, बीकानेर में भी लॉरेंस का बड़ा नेटवर्क है। लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या के लिए राजस्थान के ही कई गैंगस्टर्स से बात की थी।
लॉरेंस ने उन्हें मैसेज भिजवाया था। बड़ा काम देना है, जल्दी कॉन्टेक्ट करो। कई गैंगस्टर्स ने ये काम करने से मना कर दिया, लेकिन सीकर का गैंगस्टर सुभाष बराल पुराना एहसान उतारने के लिए काम करने को तैयार हो गया। लॉरेंस ने बराल पर मर्डर की प्लानिंग के लिए दबाव बनाया था।
राजू फ ौजी फ ोन नहीं रखता, इसलिए कॉन्टेक्ट नहीं हुआ
लॉरेंस ने जोधपुर के हिस्ट्रीशीटर विक्रम सिंह को जेल से फ ोन किया कि राजू फौजी के लिए बड़ा काम हैए उससे कहना मुझे कॉल करे। राजू फ ौजी अपने पास फ ोन नहीं रखता है और उन दिनों वह फ रार था। ऐसे में विक्रम सिंह का राजू से कॉन्टेक्ट नहीं हुआ और वह उसे लॉरेंस का मैसेज नहीं दे पाया। कुछ दिनों बाद राजू पकड़ा गया था। लॉरेंस ने कई बड़े गैंगस्टर्स को भी बड़ा काम देने के लिए मैसेज किए थे।
लॉरेंस ने बराल पर किया था एहसान
अजमेर जेल में लॉरेंस और सीकर के गैंगस्टर सुभाष बराल की पहचान हुई थी। सुभाष बराल पर लॉरेंस का बड़ा एहसान था। सुभाष का चाचा हरदेवाराम चुनाव लड़ना चाहता था। ऐसे में लॉरेंस ने सुभाष बराल के कहने पर जेल से शूटर भेज कर जुराठड़ा सरपंच सरदार राव की हत्या करवा दी थी।
पुलिस जांच में भी पुष्टि हुई थी कि हरदेवाराम के पास जो फोन कॉल आए थेए उनकी कॉल लोकेशन अजमेर जेल ही थी। दिल्ली की तिहाड़ जेल से भी जयपुर के एक बिल्डर से लॉरेंस ने एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी। फिरौती मांग कर धमकाने में भी बराल का नाम सामने आया था। बराल ने एक नई स्कॉर्पियो भी खरीदी थीए लेकिन उसकी हालत ऐसी हो गई कि तेल डलवाने के भी रुपए नहीं थे। बराल अभी इसी मामले में फरार चल रहा है।
बराल ने काम करने की हामी भरी
पुराना अहसान उतारने के लिए ही बराल मूसेवाला के मर्डर के लिए राजी हो गया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि सुभाष बराल ने ही सीकर से गाड़ी और शूटर्स के रुकने की व्यवस्था करवाई थी। मर्डर की पूरी प्लानिंग सीकर में की गई थी।
इसके बाद बदमाशों ने 7 दिनों तक आने.जाने से लेकर मूसेवाला की पूरी रैकी की थी। पुलिस को एक गाड़ी मिली है, जो सीकर में ही फतेहपुर के राकेश के नाम से रजिस्टर्ड है। उसके बाद गाड़ी आगे बेच दी गई थी।


