
शिक्षा से बड़ा कोई हथियार नहीं-तम्मना






बीकानेर। राजस्थान मुख्य न्यायिक सेवा में चयनित बीकानेर की लाडली बिटिया सुश्री तम्मना कौशिक का शाकद्वीपीय मग ब्राह्मण द्वारा अजित फाउंडेशन सभागार में स्वागत अभिनंदन किया गया।
स्वागत समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व न्यायाधीश योगेंद्र शर्मा ने कहा कि निष्ठा के साथ कि गयी मेहनत अवश्य ही सफलता दिलाती है। आज बड़ी खुशी है कि शाकद्वीपीय समाज की लाडली न्यायाधीश बनने जा रही है। निश्चय ही तम्मना की राह पर चलते हुए अन्य बालिकाएं भी समाज और देश का नाम रोशन करेगी। विशिष्ठ अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि समाज की बिटिया ने साबित किया है कि अगर ठान ली जाए तो कोई लक्ष्य मुश्किल नहीं होता कठिनाइयों के सामने जो डटा रहे वो सफलता प्राप्त करता है।
अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ चिकित्सक श्रीमती डॉ सरोज शर्मा ने कहा कि न्याय हमेशा ही महिलाएं करती रही है और आज भी यह प्रसंग इसलिए महत्वपूर्ण है की वर्तमान जीवनशैली में जिनके कंधो पर न्याय की जिमेदारी होगी उसमे भी एक बार फिर बिटिया आगे आई है।
तम्मना कौशिक ने सभी आगन्तुकों और समाज के लोगो का कोटि कोटि नमन करते हुए कहा की आज बहुत खुश हूं कि मुझे समाज का इतना आशीर्वाद और स्नेह मिला मेरी सफलता में मेरे माता जी का विशेष योगदान है और अपनों का आशीर्वाद मुझे सम्बल देता है आप अपने लक्ष्य पर अडिग रहे और भरोसा आत्मविश्वास आपको सफलता देता है मेरी मेहनत भी इसी पर टिकी है।आप सभी को में पूरा भरोसा दिलात हूं कि न्याय के मंदिर में मेरे द्वरा कभी अन्याय नहीं होगा और गरीब की सहायता मेरा परम धर्म होगा।संचालन करते हुए कहा कि कामिनी भोजक ने कहा कि आज बालिका के स्वागत में आपका आना यह साबित करता है कि समाज अपनी बेटी की इस उपलब्धि पर हर्षित है।
आर. के.शर्मा ने स्वागत किया। वरिष्ठ समाजसेवी सूर्यप्रकाश शर्मा, महेश भोजक, कन्हैयालाल शर्मा ,श्रीमती ज्ञानवती देवी, सुभाष शर्मा,ने आशीर्वचन देते हुए बालिका को उपलब्धि पर बधाई दी।अभिनंदन पत्र का वाचन पूनमचंद शर्मा ने किया। आभार नितिन वत्सस ने ज्ञापित किया।इस अवसर पर श्रीमती सरोज देवी शर्मा,मंजू देवी कौशिक,ममता शर्मा,दुर्गादत्त भोजक,ज्ञानमल शर्मा, चन्द्रशेखर शर्मा, बिंदु शर्मा, अनिल कौशिक पवन,अजय शर्मा एडवोकेट ऋषि शर्मा, सतीश शर्मा,बनवारी पांडे, स्वेता शर्मा, कुसुम शर्मा,डॉली, विजयलक्ष्मी,सहित बड़ी संख्या में समाज के बन्धु उपस्थित थे।


