
ऐसा क्या हुआ कि एक बार फिर भाटी बोलेंगे प्रशासन के खिलाफ हल्ला






बीकानेर। पानी व किसानों के मुआवजे की मांग को लेकर सरकार व प्रशासन को घेरने वाले पूर्व सिंचाई मंत्री व कद्दावर नेता देवीसिंह भाटी ने एक बार फिर हल्ला बोल की घोषणा की है। इस बार हल्ला बोल की वजह देशनोक थाना क्षेत्र के सुरधना में दलित व्यक्ति की हत्या के मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होना है। भाटी ने बताया कि हत्याकांड में फरार मुल्जिमों को इतने लंबे समय बाद भी पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई, जिसके विरुद्ध मजबूर होकर 15 दिन बाद बीकानेर पुलिस अधीक्षक के कार्यालय के सामने हल्ला बालेंगे। भाटी ने सीएम के नाम लिखे पत्र में बताया कि सुरधना में पुरानी रंजिश के चलते 27 अप्रैल की रात को गांव के अंदर ठाकुर जी मंदिर के पास से नरपतसिंह व अन्य गाड़ी में बैठकर जा रहे थे। पीछ से ओमप्रकाश कुम्हार ने अपनी गाड़ी से टक्कर मारी, जिससे गाड़ी खेत की बाड़ तोडक़र अंदर चली गई। इस दौरान मौके पर छिपे बैठे लोगों द्वारा मारपीट करने के साथ जिंदा जलाकर मारने का प्रयास किया गया। साथ ही मौके पर गोलियां चलायी गई। इस घटनाक्रम में गिरधारीराम मेघवाल गंभीर रूप से झुलस गया था। जिसे पीबीएम अस्पताल में भर्ती करने के बाद जयपुर रेफर किया। जहां 10 अप्रैल को गिरधारीराम की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। भाटी ने बताया कि उस मारपीट में मोडाराम ढोली के साथ मारपीट हुई जिसके कारण उसका हाथ टूट गया। वहीं नरपतसिंह के सिर में गंभीर चोट व हाथ-पैरों टूट जाने के कारण करीब एक माह तक ट्रोमा सेंटर में इलाज चला। इस संबंध में घायलों के परिवारजनों द्वारा कइ बार लिखित व मौखिम सूचना देकर मुल्जिमों की गिरफ्तारी की मांग की गई लेकिन पुलिस द्वारा पांच मुल्जिामों को ही गिरफ्तार किया गया बाकी मुल्जिमां को आज दिनांक तक गिरफ्तार नहीं किया गया।
भाटी ने बताया कि उनके द्वारा 29 अप्रैल 2022 को दिये गये पत्र बताया गया कि वर्ष 2020 में इन्हीं लोगों द्वारा अनुसूचित जाति के व्यक्ति की हत्या की गयी। जिसका मुकदमा संख्या 58/2020 दर्ज है। जिसमें अभी तक मुल्जिमों को गिरफ्तार नहीं किया गया। पुलिस ने राजनैतिक दबाव में अन्य को मुल्जिम नहीं माना और मामले की इतिश्री कर ली। भाटी ने बताया कि गांव वाले न्यायालय में गये और वहां से पुन: जांच के आदेश पर, तीन व्यक्तियों को और मुल्जिम माना, जिस पर अभी भी गिरफ्तारी नहीं की जा रही है।


