सतर लाख खर्च,फिर भी सुविधाओं का रहा अभाव





बीकानेर। देश भक्ति के आयोजन में तीन करोड़ का आवंटन और खर्च महज सतर लाख रूपये। फिर भी आयोजन में भाग लेने वालों का उठानी पड़ी अुसविधा। सुनने में बड़ा अजीब सा लगता है। परन्तु ये हकीकत भी है। जी हां हम बात कर रहे है 14 अगस्त 2018 को आयोजित देश भक्ति के कार्यक्रम सहादत को सलाम कार्यक्र म की। जिसमें बीकानेर जिले की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर मानव श्रृंखला बनाई गई। इस मानव श्रृंखला में स्कूली बच्चों सहित अनेक सामाजिक संगठनों ने भी हिस्सेदारी की। आयोजन के लिये करीब तीन करोड़ का बजट आ ंवटित हुआ। लेकिन इसमें से तीन पंचायत समितियों ने सतर लाख रूपये खर्च किये। जिसके तहत बीकानेर जिला परिषद द्वारा 35,13138 रूपये खर्च करना बताया गया। आरटीआई कार्यकर्ता रविन्द्र सारस्वत द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना में यह चौकाने वाला तथ्य सामने आया है। जिसमें जिला परिषद के सीई ओं ने उक्त आयोजन का खर्च पैतीस लाख तेरह हजार एक सौ अडतीस रूपये बताया। शेष राशि जिला कलक्टर को भिजवाने की बात भी कही गई।
इतनी राशि खर्च फिर भी असुविधाओं की शिकायत
मजे की बात तो ये है कि सतर लाख के लगभग आयोजन पर खर्च होने के बाद भी स्कूली बच्चों और उनके स्टाफकर्मियों को पीने के पानी के अभाव की शिकायतें मिली। यहां तक की कुछ बालिकाओं के बेहोश होने के समाचार भी समाचार पत्रों में छपे। इतना ही नहीं कई कस्बों में प्रशासन की ओर से बसों की व्यवस्था नहीं करने की जानकारी भी सामने आई। बीकानेर के पूगल रोड पर तो स्कूली बच्चों ने बस न मिलने पर रास्ता तक जाम किया था। मंजर यह रहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में पुष्प वर्षा से मानव श्रृंखला में शामिल स्कूली बच्चों का पुष्प वर्षा से स्वागत किया जाना था। किन्तु वो भी नहीं किया गया। जबकि खाद्य सामग्री बीकाजी ग्रुप की ओर मुहैया क रवाई गई। ऐसे में इतनी राशि आवंटन होने के बाद खर्च न होना अपने आप में संदेह पैदा करता है। रविन्द्र ने बताया कि शेष राशि के उपयोग के लिये भी उन्होंने जिला कलक्टर कार्यालय में सूचना मांग रखी है। परन्तु इतना लंबा समय बीत जाने के बाद शेष राशि के उपयोग की पुख्ता सूचना नहीं दी जा रही है।

