
बीकानेर/ ईओ पर फर्जी ढंग से जॉइन करने के आरोप, विरोध में उतरें कर्मचारी व जनप्रतिनिधि







खुलासा न्यूज, बीकानेर/ श्रीडूंगरगढ़ । जनता के काम नहीं हो रहें है और बुरी तरह त्रस्त जनता के हलक से यही निकल रहा है कि ऐसा तो कभी नहीं देखा और कहीं नहीं देखा। हर कहीं चर्चा हो रही है कि कुछ संस्थाऐं व कुछ स्वयंसेवकों को छोड़ कर जिन लोगों को जनता ने चुन कर भेजा है वे नगरपालिका के इन हालातों पर क्यों चुप है। बता देवें ये सभी चर्चाएं इसलिए हो रही है क्यों कि पालिका में ईओ पद पर काबिज रहने के ऐसे ऐसे प्रयास किये जा रहे हैं जो सभी सरकारी नियमों व हाईकोर्ट के आदेशों की धज्जियां सरेआम उड़ा रहे है। विदित रहे कि ईओ भवानी शंकर व्यास के कार्यकाल के में ही राज्य की समस्त पालिकाओं में सबसे बड़ा घोटाला श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका में होने के आरोप भी लगे हैं वहीं इनके कार्यकाल में बैठी जांच कमेटियों की रिपोर्ट भी धूल फांक रही है। व्यास का यहां से तीन बार ट्रान्सर्फर हुआ और हर बार वे कोर्ट स्टे लेकर फिर आ बैठते है। ईओ के तबादले, एपीओ या मूल पद पर वापसी की खुशी कस्बे के आम आदमी से सरोकार रखने वाले जागरूक लोग मनानी शुरू ही करते हैं कि इनकी वापसी पर भरस्टाचार के समर्थक पान, मिठाई, फूल लेकर स्वागत भी करते है। माया पैसों की जो देखी जा रही है उसमें यही सवाल उठ रहा कि आखिर किसी भी एक अधिकारी को अपने इसी जगह पर पदस्थापन के लिए इतने ज्यादा मोहि क्यो है। चर्चाओं में जोर पर यह है कि नगरपालिका ईओ ने इसबार कोर्ट में भी फर्जी जानकारी देकर येन-केन-प्रकरेण अपने पद पर वापसी कर ली है। व्यास श्रीडूंगरगढ़ ईओ पद पर किसी ऐसे जोड़ से चिपके है कि लगता है मजबूत जोड़ है टूटेगा नहीं।
ऐसी हिमाकत की अफसर भी दंग
श्रीडूंगरगढ़ । 31 मार्च को भवानीशंकर व्यास का तबादला तीसरी दफे अधिशाषी अधिकारी नगरपालिका मंडल श्रीडूंगरगढ़ से सहायक लेखाधिकारी जो इनका मूल पद है पर बीकानेर नगर निगम किया गया। हाईकोर्ट के आदेश है कि ईओ पद पर कार्यरत सभी दूसरे कर्मचारी अपने मूल पद लौटेंगे। परंतु मलाईदार पद को किसी कीमत पर छोड़ने को तैयार नहीं व्यास ने फिर से तिकड़म भिड़ाना प्रारंभ कर दिया। ईओ पद पर आए अविनाश शर्मा ने 5 अप्रैल को पदभार ग्रहण कर लिया। जोधपुर चलपीठ क्रमांक 71/2022 दिनांक 27.4.2022 के स्थगन का उल्लेख करते हुए व्यास ने 28 अप्रैल को पुन कार्यभार ग्रहण कर लिया। पदभार भी स्वयं ही ग्रहण कर लिया बिना अध्यक्ष के ही और स्वयं के जॉइन पत्र के साथ स्थगन कॉपी नहीं लगाई। अब कनिष्ठ लेखाकार ने लेखा संबंधित कार्य उनके हस्ताक्षर से संपादित किए जाने के लिए स्टे की कॉपी चाही गई जो उपलब्ध नहीं करवाई गई। लेकिन अब स्थगन आदेश की प्रति पालिका में ईओ के खिलाफ गुट के कार्मिकों के हाथ लगी तो मामला हर जगह चर्चा में आ गया है। बताया जा रहा है कि इस स्टे के बिन्दू संख्या 05 में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि राज्य सरकार के सक्षम स्तर से स्वीकृति प्राप्त कर स्थानातंरण किया जाता है तो यह स्थगन आदेश बाधक नहीं होगा। और तबादले के आदेश सक्षम स्तर यानि निदेशक एवं संयुक्त सचिव द्वारा ही ही हुए थे फिर ये स्टे मान्य कैसे हुआ। हर किसी के मन में यही प्रश्न दौड़ रहा है कि ये क्या हो रहा है। कनिष्ठ अभियतां, कनिष्ठ लेखाकार, वरिष्ठ प्रारूपकार, कनिष्ठ सहायक, ई स्वास्थ्य निरीक्षक ने स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक को मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए पत्र भी लिखा है।
जनप्रतिनिधि भी आक्रोशित
श्रीडूंगरगढ़ । ईओ भवानी शंकर व्यास के श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका में बढ़ाये जा रहे स्पेशल सिस्टम से जनप्रतिनिधि भी आक्रोशित है। पालिका उपाध्यक्ष बंशीधर सुथार ने कहा कि वे व्यास के कदाचार से वाकिफ है और वे कर्मचारियों के साथ है। सुथार ने कहा कि बेवजह गलत बिलों पर हस्ताक्षर करवाने के लिए कर्मचारियों पर अनुचित दबाव बनाया जा रहा है तथा जमकर पद का दुरूपयोग किया जा रहा है। सुथार ने निदेशक के सामने प्रस्तुत होने का निर्णय लिया है। वही पूर्व नेता प्रतिपक्ष व पार्षद सोहनलाल ओझा ने साफ शब्दों में दो टूक कहते हुए कहा कि मूल पद के ईओ के कार्य करते हुए इन्होंने जॉइन किया कैसे। ओझा ने आरोप लगाया कि पहले दो बार हाई कोर्ट से स्टे लेकर आए व इस बार फर्जी स्टे के बुते जॉइन कर लिया और जनता के पैसो का भयंकर दुरूपयोग रहें है। स्टे ऑर्डर में अपना पद गलत भर कर इन्होंने कोर्ट में झूठ बोला है कि ये ईओ बीकानेर नगर निगम में अधिशाषी अधिकारी के पद पर कार्यरत है क्योंकि हाई कोर्ट के स्पष्ट आदेश है कि ईओ पद के अधिकारी ही ईओ पर कार्यरत होंगे। परंतु भवानीशंकर व्यास का मूल पद सहायक लेखाधकारी का है। ये श्रीडूंगरगढ़ पालिका मंडल को छोड़ कर किसी कीमत पर नहीं जाना चाहते। जनता पुछे पालिकाध्यक्ष से कि क्या स्वार्थ जुड़े है इनसे जो फर्जी जॉइनिंग में साथ दे रहें है।

