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मनरेगा के विभिन्न मानकों में देश में पहले नंबर पर है राजस्थान : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को दावा किया कि अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अन्तर्गत श्रमिक दर तेजी से बढ़ी है और योजना के विभिन्न मानकों में राज्य देश में अव्वल है. गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मनरेगा में अनुमोदित श्रम बजट, 100 कार्य दिवस पूरा करने वाले परिवारों की संख्या, मानव दिवसों के सृजन तथा नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम में राज्य देश में प्रथम स्थान पर है.

उन्होंने कहा कि मनरेगा में 100 कार्य दिवस पूरा करने वाले परिवारों को राज्य सरकार की ओर से 25 दिवस का अतिरिक्त रोजगार दिया जा रहा है. वहीं सहरिया, खैरूआ, कथौड़ी व विशेष योग्यजन को राज्य सरकार द्वारा 100 दिन का अतिरिक्त रोजगार देने के आदेश भी जारी हो चुके हैं. गहलोत ने कहा कि गांवों के लिए मास्टर प्लान बनाकर वहां शहरों की तर्ज पर बुनियादी ढांचा विकसित करने की ठोस योजना तैयार की जा रही है और इसी क्रम में डांग, मेवात व मगरा क्षेत्र विकास बोर्ड को आवंटित राशि बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये कर दिया गया है.

महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता बताते हुए गहलोत ने कहा कि प्रदेश में 50,000 स्वयं सहायता समूह के गठन की कार्ययोजना बना ली गई है जिससे 5.50 लाख ग्रामीण महिलाओं को लाभ होगा. इन स्वयं सहायता समूहों को रिवॉल्विंग फंड व कम्युनिटी इनवेस्टमेंट फंड के माध्यम से वित्तीय सहायता मुहैया करायी जाएगी व बैंक ऋण के रूप में 600 करोड़ रुपए की व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने कहा कि महिला को-ऑपरेटिव बैंक की प्रथम शाखा जल्द ही जयपुर में खोली जाएगी.

वहीं सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में गहलोत ने लोगों से अपील की कि वे मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के प्रलोभन में नहीं आएं और कड़ी मेहनत से अर्जित राशि को निवेश करने से पहले सोसायटियों के साख की अच्छी तरह जांच कर पूरी सतर्कता के साथ निवेश करें. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के घोटालों और प्राप्त शिकायतों की विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजने के निर्देश दिए

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