
झगडें के बाद चेता पुलिस प्रशासन, रात को खुलने वाली चाय की दुकानों को बंद करवाया, मौहल्लेवासियों ने ली राहत की सांस, कब तक रहेगी दुकानें बंद






बीकानेर। पिछले लंबे समय से मोहता चौक में देर रात तक खुलने वाली चाय की दुकानों पर जमावाड़े से पूरा मौहल्ला परेशान था इसकी शिकायत पुलिस के आलाधिकारियों तक पहुंच चुकी थी। लेकिन राजनैतिक संरक्षण के चलते कोतवाली पुलिस कुछ करने में असमर्थ थी। आपको बता दे इन दुकानों पर देर रात सटोरियों, जुआरियों व नशीला पदार्थ बेचने वालों का जमावाड़ा रहता है। इस बारे में कई बार पुलिस ने कई बार कोशिश की लेकिन दुकानदार के पास राजनैतिक शक्तियां होने के कारण बेचारी पुलिस भी कुछ नहीं कर पा रही थी। इसी दौरान दो दिन पहले रात को एक झगड़े में कुछ लोगों ने एक युवक को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की बात को लेकर मारपीट की एकबारगी माहौला खराब हो चुका था। मारपीट से अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और अनन-फनन में सभी दुकानों को बंद करवा दिया। ऐसा लग रहा था पुलिस भी किसी मौके की तलाश में थी जैसे ही झगड़ा हुआ पुलिस ने गुरुवार रात को कोतवाली थानाधिकारी नवनीत सिंह ने अपने स्टाफ सख्त निर्देश दिये कि किसी भी हालात में देर रात तक मोहता चौक में स्थित चाय की दुकाने नहीं खुले जिसको लेकर गुरुवार रात सभी दुकानों को बंद करवाया दिया। नाम नहीं छापने की शर्त पर मौहल्लेवासियों ने बताया कि अब राहत की सांस ली है देर रात खुली दुकानों से पूरे मौहल्ले में दहशत का माहौल था बाहरी लोगों के प्रवेश से यह डर रहता था कि कब क्या हो जाये कोई पता नहीं है। लेकिन अब राहत की सांस ली है। देखते है यह नियम कब तक चले।
अगर राजनैतिक संरक्षण नहीं मिला तो दुकानें बंद हो जायेगी यदि राजनेताओं ने अपने वोट बैक का ध्यान रखा और शहर में अशांति का ध्यान नहीं रखा तो दुकानों को खोलने से कोई नहीं रोक सकता है। प्राय: यही होता है पुलिस काम करना चाहती है लेकिन राजनेताओं द्वारा उन पर दबाब बनाकर काम नहीं करने देते है। इस मामले में भी यही हो सकता है। ऐसी जानकारी मिली है कि कल ही किसी राजनेता ने दुकानों को खुलवाने की सिफरिश की है


