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जन्म-मृत्यु, विवाह रजिस्ट्रेशन से जुड़ी आई बड़ी खबर आधार के साथ ही जनआधार नंबर भी देना जरूरी

जयपुर । राजस्थान के किसी भी नगरीय निकायों में अब जन्म, मृत्यु या विवाह के रजिस्ट्रेशन के लिए जनआधार नंबर जरूरी होगा। आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय ने एक आदेश जारी करते हुए यह राजस्थान के मूल निवासियों के लिए लागू किया है। हालांकि दूसरे राज्य से आने वाले व्यक्तियों के लिए इसकी अनिवार्यता नहीं होगी।
मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म एवं मृत्यु) की ओर से जारी आदेशों के मुताबिक अब प्रदेश की किसी भी नगरीय निकाय या पंचायत या अन्य सक्षम स्तर पर जन्म, मृत्यु या विवाह का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। उसके लिए आवेदक को अपना जन आधार नंबर देना अनिवार्य होगा। जन आधार नंबर नहीं होने की स्थिति में आवेदक को उसके रजिस्ट्रेशन की स्लीप और उसका नंबर देना अनिवार्य होगा। यह केवल राज्य के रहने वाले मूल नागरिक के लिए जरूरी है। दूसरे राज्य से आने वाले व्यक्ति के लिए यह अनिवार्य नहीं है। जयपुर नगर निगम ग्रेटर के रजिस्ट्रार प्रदीप पारीक ने बताया कि आदेशों को आज से लागू कर दिया है और यहां आने वाले सभी आवेदक जो मूल रूप से राजस्थान के है उनके जन आधार नंबर लिया जा रहा है।
क्या है जन आधार कार्ड
गहलोत सरकार ने साल 2019 में जन आधार का सिस्टम शुरू किया था। यह राजस्थान के निवासियों का एक तरह से यूनिक आईडी नंबर है। इस नंबर के जरिए सरकार की फ्लैगशिप स्कीम का लोगों को फायदा मिलता है। एनएफएस के तहत राशन के गेंहू के वितरण में भी सरकार ने जन आधार अनिवार्य कर दिया है। इसी तरह सरकारी हॉस्पिटल में मुफ्त इलाज और जांचों के लिए भी जन आधार जरूरी कर दिया है।

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