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खाद्य आपूर्ति गाइडलाइन, बिना कलक्टर की अनुमति के राशन दुकानों का नहीं होगा निलंबन

जयपुर. प्रदेश में अब बिना संबंधित कलेक्टर की अनुमति के राशन दुकानों का निलंबन और अटैचमेंट नहीं होगा। साथ ही गंभीर अनियमितताएं पाए जाने जैसी विशेष परिस्थितियों में ही कलेक्टर निलंबन व अटैचमेंट का निर्णय करेंगे। अभी तक यह अधिकार जिला रसद अधिकारी, ईओ व रसद विभाग के इंस्पेक्टरों के पास था, लेकिन ईओ व इंस्पेक्टर अपने चहेते राशन डीलरों को फायदा पहुंचाने के लिए सालों तक राशन की दुकानों को अटैचमेंट में चला रहे हैं, जबकि नियमानुसार केवल 6 माह से अधिक अटैचमेंट नहीं होना चाहिए।

सरकार के इस निर्णय से उपभोक्ताओं को फ ायदा होगा। उनके क्षेत्र का राशन डीलर किसी कारण से निलंबित होता है तो समीप के वार्ड या गांव में ही दूसरी दुकान पर उसके राशन की व्यवस्था करनी होगी। इसको लेकर खाद्य एवं नगारिक आपूर्ति विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत और भी बदलाव किए गए हैं। अब अटैचमेंट केवल ऑनलाइन ही किया जाएगा। जिला रसद अधिकारी निलंबन या अटैचमेंट को विभाग के पोर्टल पर 24 घंटे में अपलोड करेंगे। जिला रसद अधिकारी राशन दुकानों का अटैचमेंट 3 किमी से अधिक दूर वाली उचित मूल्य दुकान पर अटैच नहीं करेंगे। रसद विभाग को अटैच की जाने वाली दुकान का विस्तृत विवरण यथा अटैचमेंट का कारण, दूरी का विवरण भी देना अनिवार्य होगा।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की गाइडलाइन से उपभोक्ताओं को ज्यादा फायदा होगा। अभी तक दूसरे गांवों और दूसरे वार्ड की दुकान पर अटैचमेंट कर रखे हैंए लेकिन अब संबंधित वार्ड या गांव के ही दूसरे डीलर को अटैचमेंट करना होगा। इससे उपभोक्ताओं को स्थानीय स्तर पर राशन मिल जाएगा।

अटैचमेंट में महिलाएं दिव्यांगों को प्राथमिकता कलेक्टर के आदेश पर किसी राशन दुकान का अटैचमेंट किया जाता है तो जिला रसद अधिकारी महिलाएंए दिव्यांग राशन डीलर, ग्राम सेवा सहकारी, क्षेत्री बहुउद्देशीय सहकारी समिति, दुग्ध उत्पादन सहकारी, महिला स्वयं सहायता समूह को प्राथमिकता देते हुए इस श्रेणी में सबसे कम राशन कार्ड वाली दुकान को वरीयता देना सुनिश्चित करेंगे। अटैचमेंट उसी राशन डीलर को किया जाएगा जिसका के खिलाब गबन का मामला या कोई एफ आईआर दर्ज नहीं हो।

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