नशाखोरी और अपराधों का गढ़ बनता जा रहा लूणकरणसर

नशाखोरी और अपराधों का गढ़ बनता जा रहा लूणकरणसर

– लूनकरणसर से खुलासा संवाददाता लोकेश कुमार बोहरा की कलम से

लूनकरणसर :- पिछले 10 महीनों से लूनकरणसर क्षेत्र लगातार अपराधों का गढ़ बनता जा रहा है। बढ़ती नशाखोरी पर अंकुश लगाने में नाकाम लूनकरणसर पुलिस अब चोरियों को रोकने में भी नाकाम नजर आ रही है। कस्बे में हर तरफ खुले आम बिकता नशा जहां पीढियां बर्बाद कर रहा है वहीं लगातार हो रही चोरियां लोगों की कमर तोड़ रही है।
*लूनकरणसर कस्बे में 45 शराब की ब्रांचे व्यवस्था के मुंह पर तमाचा*
महज उपखण्ड मुख्यालय में 45 से ज्यादा शराब की अवैध ब्रांचे व्यवस्था के मुंह पर तमाचा है, मुख्यालय पर महज दो शराब की दुकानें स्वीकृत है लेकिन इन दो स्वीकृत दुकानों की आड़ में 45 से ज्यादा शराब की अवैध ब्रांचे संचालित हो रही है और आये दिन शराबी कस्बे में धमाचौकड़ी मचाते है। ग्रामीणों की शिकायत पर पुलिस शराबी को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लेती है परंतु मोटे सुविधा शुल्क के चलते अवैध शराब की ब्रांच की ओर ध्यान नहीं देती।

*अफीम, पोस्त, नशीली दवा, गांजे के बाद अब चिट्टे का भी फल फूल रहा कारोबार*
अफीम, डोडा-पोस्त, नशीली दवाओं के बाद अब चिट्टे ने भी कस्बे समेत ग्रामीण इलाकों में दस्तक दे दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब आसानी से चिट्ठा (हेरोइन) आसानी से मुहैया होने लगी है। हालांकि चिट्टे में एक आधी कार्रवाई पुलिस द्वारा की गई है परंतु पुलिस अंकुश लगाने में पूरी तरह नाकाम है।

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