
सरकारी शराब ठेकों पर नियमों की अनदेखी एमआरपी से अधिक वसूली जा रही है कीमत,ग्रामीणों में रोष





महेश कुमार देरासरी
महाजन। महाजन व आस पास के ग्रामीण अंचलों की सरकारी शराब के दुकान पर ठेकेदार द्वारा सरकारी नियमों की धड़ल्ले से धज्जियां उड़ा रहे है। वहीं शराब की बोतल वास्तविक कीमत से प्रति बोतल 30 से 40 रुपए ग्राहकों से अतिरिक्त वसूल किया जा रहा है। जिससे कस्बे के युवाओं में भारी रोष है । इस सब के बावजूद आबकारी महकमा इससे बेखबर है। जहां तक आबकारी विभाग के नियम कहता है कि प्रत्येक सरकारी ठेके के बाहर बेची जाने वाली शराब की रेट लिस्ट लगानी होती है। परंतु जिले भर में किसी भी सरकारी शराब के ठेके के बाहर किसी भी प्रकार की रेट लिस्ट नही लगी हुई है।
कस्बे के ग्रामीण पप्पू आचार्य ने दर्ज शिकायत में बताया कि शराब ठेकेदार नियमो को दर किनार कर ठेके पर बेची जाने वाली शराब की बोतल पर तय कीमत से 30 से 40 रुपए ग्राहकों से अधिक वसूल रहे है । चूंकि ठेको पर बेचे जाने वाली शराब का कोई बिल नही दिया जाता है। और शराब के शौकीन 30 और 40 रुपए के लिए कभी कभार विरोध करते है। परंतु वहा सेल्स मैन द्वारा उन्हें दुत्कार दिया जाता है। ऐसे में ओवर रेट देकर ही शराब खरीदना मजबूरी बन गया है। गौरतलब है कि ग्राहकों से वसूली जाने वाली अतिरिक्त राशि ठेकेदार व अधिकारियों की जेब में जाती है।
शराब की दुकान के बाहर किसी प्रकार रेट लिस्ट चस्पा नही गुमराह कर रहे शराब व्यापारी
शराब ठेकों पर उस्तादों की प्रिंट रेट से ज्यादा रुपए वसूल किए जा रहे हैं। ठेकेदार बीयर व शराब के ब्रांड पर 30 से 40 रुपए तक ज्यादा चार्ज कर रहे हैं। ग्रामीण पप्पू आचार्य ने बताया कि कभी कोई ग्राहक इसे लेकर सवाल खड़े करते है। तो जवाब मिलता हैं,की हम अधिकारियों को बंधी देते है । जो करना है वो करो कुछ नही होगा। शराब चाहिए तो लो, वर्ना वापस रख दो। ज्यादातर ठेकों पर उत्पादों के रेट चार्ट तक नही रखे जा रहे।
*यह हैं कार्रवाई का प्रावधान
शराब की ओवररेट लेने पर पहली बार दस हजार, दूसरी बार बीस हजार जुर्माने के प्रावधान हैं। तीसरी बार भी शिकायत आती है तो दुकान का लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान हैं। विभाग ने अब तक कितनी कार्रवाई की। इस बारे में कोई जवाब नही दिया। सुबह बात की तो बोले कि ऑफिस पहुंच कर बताते है।
हर रोज लगता है लाखों का फटका
शराब के व्यापारी ओवररेट के नाम पर हर रोज लाखों की अवैध वसूली कर रहे हैं।लगभग 20 फीसदी ओवररेट यह लोग ले रहे हैं। 109रुपए एमआरपी वाली बीयर के 130 से 150 और पांच सौ रुपए शराब की बोतल के साढ़े पांच सौ रुपए तक वसूल रहे हैं।
आठ बजे बाद शराब हो जाती है और महंगी जानकारी के अनुसार रात को 8 बजे के बाद जैसे-जैसे रात होती जाएगी शराब की कीमत बढ़ती जाएगी। हालांकि सरकार ने शराब की दुकान खुलने का सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक का समय तय कर रखा है लेकिन वास्तविकता में एटीएम से ज्यादा सेवाएं प्रदान करते है ये शराब व्यवसायी।
*एक शराब की दुकान की कई दर्जनों ब्रांचे
सरकार द्वारा कस्बे में एक दुकान का लाइसेंस लेकिन कस्बे सहित ढाणियों तक शराब व्यापारियों ने अवैध शराब की ब्रांचे खोल रखी है।काफी बार इस सम्बंध में ग्रामीणों द्वारा पुलिस को अवगत करवाते है लेकिन मोटे सुविधा शुल्क के चलते पुलिस सिर्फ ठेकेदारों की ही सुनती है।कभी-कभार ग्रामीणों के विरोध को देखकर पुलिस को मौके पर जाना पड़ता है तो अपना धर्म निभाते हुए रवाना होने से पहले आकाओं को सूचित कर देते है,जिससे किसी प्रकार की कार्यवाही से बचा सके और सुविधा शुल्क में बाधा न पहुंचे।
खरीदी गई शराब का बिल मांगने पर दुत्कार देते है सेल्समैन
बिल मांगने पर शराब कारोबारी द्वारा बिल नहीं दिया जाता। यदि किसी ग्राहक ने बिल मांग भी लिया तो उसे बिल नहीं दिया जाता। इसका भी एक कारण है, अधिकतर शराब की दुकानों में बिल मशीन नहीं है। साथ ही साथ ग्राहक फजीहत से बचने के लिए बिल की डिमांड नहीं करता। जागो ग्राहक जागो की पंच लाइन चरितार्थ हो जाए तो शराब की दुकानों पर ओवर रेट पर शराब बिकनी बंद हो जाए। लेकिन आबकारी विभाग का रवैया उदासीन होने के कारण शराब के दुकानदार इसका फायदा उठाते हैं।जबकि आबकारी विभाग का सख्त निर्देश है कि दुकान में बिल मशीन होना अनिवार्य है। लेकिन शराब व्यवसायी इन निर्देशों की हवा निकाल रहे हैं और उपभोक्ताओं से मनमाने तौर पर वसूली कर रहे हैं। शिकायतों के बाद भी आबकारी महकमा चैन की नींद सो रहा है। यहां तक कि उपभोक्ताओं ने विभाग पर मिली भगत का आरोप भी लगाया है।
रात 8 बजे के बाद भी बिकती है शराब
जिला कलेक्टर के आदेश को धता बताकर शराब ठेकेदार देर रात तक शराब बेचते है। पास में बने एक कमरे में शराब रखकर पूरी रात बेचते हैं। और शराब की कीमत ग्राहक से दोगुनी वसूल रहे है । जिससे कस्बे के युवाओं में रोष व्याप्त है ।
अवैध शराब की दुकानों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग*
महाजन क्षेत्र में चल रही है अवैध शराब की दुकानें
महाजन कस्बे में अवैध रूप से संचालित शराब की दुकानों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है। गांव के पप्पू आचार्य ने बताया कि कस्बे में इस वित्तीय वर्ष से स्वीकृत नई शराब की दुकानों में महाजन की दुकान के ठेकेदार कस्बे व आसपास के सेना प्रभावित क्षेत्र में अवैध रूप से ब्रांच से संचालित कर रहे हैं। जिसको लेकर विभाग चुप्पी साधे हुए हैं। ग्रामीणों द्वारा विभागीय अधिकारियों को बार-बार अवगत करवाने के बाद भी इस और विभाग कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। इसके अलावा ठेकेदार द्वारा मनमर्जी से रेट वसूलने और देर रात तक दुकान खोलने का मामला भी कई बार सामने आया। मगर विभागीय अधिकारियों ने आंखें मूंदकर इस काम के लिए भी ठेकेदार को मौन स्वीकृति दे रखी है। अधिकारियों से बात करने पर बताया मन मर्जी से रेट वसूलने, आठ बजे बाद दुकान खोलने ,अवैध ब्रांच जैसी शिकायतें बीकानेर जिला कलेक्टर ,लूनकरणसर उपखण्ड अधिकारी व जिला आबकारी अधिकारी को इस समस्या के बारे में शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है।
शाम को शराब ठेके की दुकान पर लगता है मेला
कस्बे में शेरपुरा लिंक रोड़ पर संचालित शराब की दुकान के आगे शाम के समय मेला सा लग जाता है। शराब की दुकान के आगे भारी भीड़ रहती है। लिंक रोड़ से गुजरने वाले आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

