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मिरासी समाज का एक प्रतिनिधि मंडल अपनी मांग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन सौंपा

बीकानेर. राजस्थान मिरासी समुदाय आरक्षण संघर्ष समिति जयपुर के बैनर तले सर्किट हाउस बीकानेर में जनसुनवाई कैंप में मिरासी समुदाय का एक जन प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री से मिलकर ज्ञापन दिया। राजस्थान राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग जयपुर के द्वारा अगस्त 2019 में मिरासी समुदाय की 10 जातियों की आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक, व्यवसायिक और राजनीतिक स्थिति के पिछड़ेपन की सर्वे करने के लिए समस्त जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया गया था। प्रमुख शासन सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग जयपुर के आदेश जनवरी 2020 के द्वारा आयोग का गठन नहीं होने का हवाला देते हुए उक्त सर्वे को रुकवा दिया गया था। इसके बाद ढाढ़ी, मिरासी समाज विकास संस्थान जयपुर द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर की खंडपीठ जयपुर के आदेश 26 अक्टूबर 2021 को राज्य सरकार को निर्देशित किया गया कि आगामी 4 माह में उक्त जातियों के पिछड़ेपन की सर्वे कर पिछड़ेपन का एग्जामिन कर निर्णय लें। उसी निर्णय की पालना में मिरासी समुदाय ने मुख्यमंत्री को अपना एक दस्तावेज प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने दस्तावेज पुलिंदा आयोग को भिजवा दिया। मीरासी समुदाय द्वारा ओबीसी आयोग से संपर्क किया तो आयोग ने अवगत कराया कि जब तक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के आदेश 18 जनवरी 2020 प्रभाव में है उसको निरस्त नहीं किया जाता है तब तक मिरासी समुदाय की 10 जातियों की सर्वे के आदेश दिए जाने संभव नहीं है अत: मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर गुहार लगाई गई कि राजस्थान राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को मिरासी समुदाय की सर्वे को पुन: शुरू करने हेतु निर्देशित किया जाए। बीकानेर की तेजस्वी टीम में गनी खान मालिया करमीसर, अमर चंद बावरा बीकानेर, माने खान सुरनाणा, वेदिक खान अक्कासर, एडवोकेट लाल खान लूणकरणसर, मदन फ ोगा खाजूवाला, समीर छाता सोमलसर, संजय खान मनोरिया, अरुण बावरा बीकानेर उपस्थित थे।

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