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महिला डॉक्टर ने की आत्महत्या!, बीकानेर के डॉक्टर्स में ग़ुस्सा, हॉस्पिटल और लैब बंद रहने से मरीज़ों को हुई भारी

खुलासा न्यूज़ , बीकानेर ।दौसा मे डॉक्टर की आत्महत्या के बाद आइएमए राजस्थान के आवाहन पर बीकानेर के सभी प्राइवेट चिकित्सा संस्थान एवं लैब बंद रहे।लालसोट, दौसा मे प्रसूता की इलाज के दौरान मृत्यु के बाद प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ अर्चना शर्मा को स्थानीय प्रशासन, मरीज के परिजनों, राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं और पत्रकारों द्वारा प्रताड़ित एवं ब्लैकमेल करने और पुलिस द्वारा गैरकानूनी रुप से धारा 302 मे मुकदमा दर्ज करने के बाद डॉक्टर द्वारा सुसाइड कर लेने के विरोध में बीकानेर के सभी चिकित्सक संगठनों ने प्रदर्शन करते हुए जिला कलेक्टर श्री भगवती प्रसाद को मुख्यमंत्री के नाम आरोपियों पर तुरंत कारवाई करने एवं गिरफ्तार करने हेतु ज्ञापन दिया। आइएमए बीकानेर अध्यक्ष डॉ नवलकिशोर गुप्ता एवं सचिव डॉ विकास पारीक ने जिला कलेक्टर महोदय को घटनाक्रम बताते हुए चिकित्सकों मे व्याप्त रोष को जताया तथा आरोपियों को जल्दी गिरफ्तार करने की मांग की। आइएमए प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ अबरार पँवार ने बताया कि इलाज के दौरान डॉक्टर द्वारा गंभीर मरीजों को बचाने की भरसक कोशिश की जाती है लेकिन किसी मरीज की मौत के लिए डॉक्टर को हत्या का आरोपी घोषित नहीं किया जा सकता है।
अरिस्दा बीकानेर सचिव डॉ सीएस मोदी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद लालसोट पुलिस द्वारा धारा 302 मे हत्या के आरोप मे मुकदमा दर्ज करने के कारण प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ अर्चना शर्मा ने अत्यधिक तनाव और दबाव के कारण आत्महत्या जैसा कदम उठाया जो कि स्वस्थ एवं सभ्य समाज पर कलंक है। सेवारत चिकित्सक संघ प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ राहुल हर्ष ने बताया कि आए दिन मरीज के परिजनों की आड मे समाजकंटक लोग डॉक्टर को परेशान करते हैं और मुवावजे दिलाने के नाम पर मरीज के परिजनों को गुमराह करते हैं जिससे चिकित्सक के द्वारा स्वस्थ वातावरण में मरीजों को सेवाएं देना मुश्किल हो गया है। ऐसी घटनाओं से डॉक्टर मरीज संबंध भी प्रभावित होते हैं और इलाज की गुणवत्ता पर भी इसका असर पड़ता है और गंभीर मरीजों के इलाज करने के मामले में चिकित्सकों पर नकारात्मक असर पड़ता है।

आइएमए जोनल एक्सीक्यूटिव डॉ सुनील हर्ष ने बताया कि घटना के विरोध में आक्रोश स्वरूप जिले के सभी सरकारी चिकित्सा संस्थानों पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज व पीबीएम अस्पताल के रेजिडेंट सहित सभी चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर कार्य किया तथा दो घंटे कार्य बहिष्कार किया। मेडिकल प्रेक्टिशनर सोसायटी से डॉ दीप्ती वहाल, डॉ नवनीत सुथार, डॉ जितेंद्र नागल, डॉ शशि सुथार, डॉ अरुण तुनगारिया, डॉ शेफाली दाधीच आदि उपस्थित रहे। इंडियन डेंटल एसोसिएशन से डॉ पुनीत कालरा, डॉ मनोज सांवल आदि उपस्थित रहे।

 

मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट
सीएम अशोक गहलोत ने संवेदना जताते हुए कहा कि दौसा में डॉ. अर्चना शर्मा की आत्महत्या की घटना बेहद दुखद है। हम सभी डॉक्टरों को भगवान का दर्जा देते हैं। हर डॉक्टर मरीज की जान बचाने के लिए अपना पूरा प्रयास करता है परन्तु कोई भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना होते ही डॉक्टर पर आरोप लगाना न्यायोचित नहीं है। अगर इस तरह डॉक्टरों को डराया जाएगा तो वे निश्चिन्त होकर अपना काम कैसे कर पाएंगे। हम सभी को सोचना चाहिए है कि कोविड महामारी या अन्य दूसरी बीमारियों के समय अपनी जान का खतरा मोल लेकर सभी के सेवा करने वाले डॉक्टरों से ऐसा बर्ताव कैसे किया जा सकता है। इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है एवं दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

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