वल्लभनगर विधायक ने विवि प्रशासन पर लगाया आरोप, वीसी बोले- आधारहीन है आरोप, अनुचित लाभ किसी को नहीं - Khulasa Online वल्लभनगर विधायक ने विवि प्रशासन पर लगाया आरोप, वीसी बोले- आधारहीन है आरोप, अनुचित लाभ किसी को नहीं - Khulasa Online

वल्लभनगर विधायक ने विवि प्रशासन पर लगाया आरोप, वीसी बोले- आधारहीन है आरोप, अनुचित लाभ किसी को नहीं

बीकानेर. पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय, उदयपुर एवं पशु अनुसंधान केन्द्र में की जा रही अनियमितताओं के संबंध में वल्लभनगर, उदयपुर की विधायक प्रीति शेखावत ने विधानसभा में विवि प्रशासन पर आरोप लगाए और इनकी जांच की मांग की है। इसको लेकर जब खुलासा टीम ने पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर के कुलपति प्रो. सतीश गर्ग से बातचीत की। उन्होंने बताया कि विधायक की ओर से लगाए गए आरोप आधारहीन है और विवि प्रशासन किसी को भी अनुचित लाभ नहीं दे रहा है।
वल्लभनगर, उदयपुर की विधायक प्रीति शेखावत ने विधानसभा में कहा कि सेवाप्रदाता के माध्यम 140 संविदाकर्मी विभिन्न पदों पर 10 से 12 वर्षो से कार्यरत है। विश्वविद्यालय ने पूर्व में 17 दिसंबर 2021 निविदा निकाली थी, यह संविदा जिस फर्म से कार्यरत है वह फर्म निविदा की सभी शर्ते पूरी करती है। विश्वविद्यालय ने बिना किसी कारण निरस्त कर दिया गया। नई निविदा प्रक्रिया में विश्वविद्यालय ने शर्तो में बदलाव कर संविदा कर्मी की शैक्षणिक योग्यता का कोई हवाला नहीं दिया गया है, लेकिन पूर्व में सभी निविदाओं में योग्यताओं के अनुसार ही संविदाकर्मी की भर्ती की गई है। निविदा लेने वाले लोग अपने रूतबे का गैरवाजिब इस्तेमाल करते हुए निविदा की पूर्ण प्रक्रिया को बदलकर अनुचित लाभ लेना चाहते है। जिसमें विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा पूर्ण सहयोग किया जा रहा है। सरकार से आग्रह है कि विवि द्वारा 17 फरवरी 2022 की ओर से निकाली गई निविदा को निरस्त करते हुए विवि प्रशासन के विरूद्ध उच्चस्तरीय जांच का गठन कर जांच की जाएं।

इनका कहना है
दिसंबर में एक निविदा ही क्वालीफाई कर पाई थी। पहली बार निविदा की शर्तो में परिवर्तन किया गया। निविदा की शर्ते इण्डस्ट्री फ्रेंडली हो और पारदर्शिता हों। आरटीपीसी के नियमों के तहत निविदा निकाली गई। सेवाप्रदाता के तहत निविदा में 10 से 12 वर्षो से कार्य कर रहे है। विवि प्रशासन किसी को भी अनुचित लाभ नहीं देना चाहता है। विधायक की ओर से विवि प्रशासन पर लगाए गए आरोप आधारहीन है।
प्रो. सतीश कुमार गर्ग, कुलपति, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर

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