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ऐसा क्या हुआ कि सदन में गुलाबचंद कटारिया फूट-फूटकर क्यों रोए

जयपुर  विधानसभा में एंटी चीटिंग बिल पर बहस के दौरान गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया फूट-फूट कर रो पड़े। कटारिया पेपर लीक से परेशान गरीब अभ्यर्थियों की पीड़ा पर रो पड़े। कटारिया ने कहा- गड़बड़ी की जड़ कोचिंग सेंटर वाले हैं, वार करना है तो यहां करो। गरीब का बच्चा पढ़ता है, गरीब खेत बेचकर पढ़ाता है बच्चों को और ये पैसे वाले पेपर आउट कराकर नौकरी लग जाते हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा- पैसे वाले लोगों के पास आपने सारी सरकारी नौकरियों को बेच दिया, उस गरीब का क्या होगा? आठ साल में जो नौकरियां लगी हैं,आप जांच करवाओ, आधे मामले फर्जी नजर आएंगे। गरीब के बच्चे का सिलेक्शन नहीं होता तो वह जहर खाकर मरता है, कोई उसकी पीड़ा को समझने वाला नहीं है। मुझे इस पर बोलने की इच्छा नहीं है। इस कानून से कुछ नहीं होगा। किस तरह की नकल गैंग पाल ली। REET में शिक्षा संकुल से पेपर चुराने वाले को लगाने वाला कौन है?

राठौड़ बोले- एंटी चीटिंग बिल UP की नकल, योगी की नकल सरकार चलाने में कीजिए

बिल पर बहस के दौरान उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि एंटी चीटिंग बिल UP सरकार के बिल की नकल है। नकल ही करनी है तो योगी सरकार चलाने के तरीके की भी कीजिए। UP में नकल करने वालों पर NSA के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। UP के बिल के पूरे प्रावधान नहीं किए गए।

कई कोचिंग सेंटर भी पेपर लीक में शामिल रहते हैं
राठौड़ ने कहा- आज कई कोचिंग सेंटर भी पेपर लीक में शामिल रहते हैं, मैंने नेता प्रतिपक्ष को एक विज्ञापन दिखाया, जिसमें पटवार परीक्षा में गारंटेड सलेक्शन का दावा किया और सलेक्शन नहीं होने पर पैसा वापस करने का दावा किया था, यह बिना मिलीभगत नहीं हो सकता। कोचिंग सेंटर वाले जो दावा करते हैं, एक-एक महीने पहले पेपर के सवाल इनके पास चले जाते हैं।

REET में चीट की बड़ी मछलियां अभी भी दूर
​​​​​​राठौड़ बोले- REET में चीट मामले में बड़े लोग बच गए हैं। पकड़े गए 11 लोगों की जमानत हो गई, क्योंकि 1992 के कानून में 3 साल तक की सजा का प्रावधान है और यही उनकी जमानत का आधार बना। प्रदीप पाराशर, भजनलाल जैसे आरोपी जेल से बाहर आ गए। राजीव गांधी स्टडी सर्कल से जुड़े डीपी जारोली, प्रदीप पाराशर के काले कारनामों पर इस बिल के जरिए सरकार पर्दा डालने की कोशिश कर रही है।

​​​​​​ जारोली ने सोशल मीडिया में लिखा था कि मुझे तो बलि का बकरा बनाया जा रहा है, असली किरदार तो बड़े ब्यूरोक्रेट और नेता हैं। उनके कहने से ही शिक्षा संकुल उन लोगों को सौंपा गया। य​ह बिल तो भविष्य में नकल करने वालों पर लागू होगा, लेकिन अब तक रीट की चीट में शामिल लोग बच जाएंगे। यह बिल पहले आता तो रीट की चीट वाले लोगों की अब तक जमानत नहीं होती।

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