
इस बार शराब की दुकानें रहेंगी खाली, जाने यह नई वजह…






जयपुर. शराब की दुकान लेने के लिए पहले होड़ मचा करती थी लेकिन अब इसका उलट हो रहा हैं। वाइन शॉप लेने के लिए जहां कभी लाखों लोग किस्तम आजमाते थे। उन्हीं शराब की दुकानों को लेने के लिए अब कोई आगे नहीं आ रहा। जो लोग मौजूदा समय में शराब की दुकानें चला रहे है वे लोग भी अब अगले साल दुकानें लेने के लिए तैयार नहीं है। यही कारण है कि जयपुर में मौजूद 404 में से अब तक 10 फीसदी दुकानों के भी लाइसेंस रिन्यू नहीं हुए है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण नई आबकारी नीति हैए जिसका शराब कारोबारी विरोध कर रहे है।
राज्य सरकार की 2022-23 के लिए आबकारी नीति में शराब कारोबारी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। राज्य सरकार ने इस बार जो नई आबकारी पॉलिसी जारी की है उसमें मौजूदा शराब कारोबारियों को शराब की दुकानों का लाइसेंस रिन्यू करने का ऑप्शन दिया गया है। यानी उन दुकानों को नीलाम करने से पहले एक दुकान संचालक को ऑप्शन दिया गया है कि वो चाहे तो दोबारा ये दुकान अगले 2 साल के लिए ले सकते है। इसके लिए उन्हें लाइसेंस रिन्यू करवाना होगा। लाइसेंस रिन्यू दुकान की ऑक्शन प्राइज पर किया जाएगा यानी जिस दुकान को पिछले साल ऑक्शन में जिस रेट या पूरे साल में जो शराब उठाई उसकी राशि दोनों में से जो ज्यादा होद्ध उसे आधार मानते हुए किया जाएगा। जबकि शराब कारोबारी लाइसेंस का रिन्यू बेस प्राइज पर करवाना चाहते है।
शराब कारोबारियों की मांग है कि पिछले साल जिन दुकानों की बेस प्राइज सरकार ने निर्धारित की थी। उसी प्राइज को आधार मानकार उसमें 10 फीसदी का इजाफ ा करते हुए दुकानों के लाइसेंस रिन्यू किए जाएण् यही कारण है कि अब प्रदेश में शराब के ठेके दोबारा रिन्यू नहीं हो रहे हैं। जयपुर में करीब 404 शराब के ठेके हैए जिनमें से आज दिन तक 40 शराब कारोबारियों ने भी अपने लाइसेंस को रिन्यू नहीं करवाया हैण् आबकारी विभाग आयुक्त चेतन देवड़ा ने बताया की लाइसेंस रिन्यू करने की तिथि को बढा दिया गया हैं। अब 11 मार्च तक शराब दुकानों का लाइसेंस रिन्यू करा सकेंगेण्साथ में कुछ संशोधन भी किये गए हैं।
राजस्थान लिकर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष निलेश मेवाड़ा ने बताया कि सरकार ने कई तरह के नियम लगा दिए हैण् जिससे दुकान संचालकों को भारी नुकसान हो रहा हैण् सरकार ने लाइसेंस रिन्यू में कम्पोजिट फीस भी लगाने का फैसला किया हैण् इस फीस को हमने सरकार से हटाने की मांग की थीण् अगर ऐसा सरकार नहीं करती है तो इस राशि को शराब खरीद में समायोजित करते हुए इसे गारंटी राशि में शामिल करेंण् लेकिन सरकार ने इसे गारंटी राशि में शामिल नहीं किया हैण् प्रदेश में वर्तमान में 7665 शराब की दुकानें हैए जिनको अलॉर्ट किया जाएगाण् इनमें से मौजूदा समय में 3457 दुकानें ऐसी है जिन्होंने साल 2021.22 की ने गारंटी राशि पूरी जमा करवा दी है यानी यही दुकान ऐसी है जिनका लाइसेंस रिन्यू हो सकता हैण्
बहरहालए नई आबकारी नीति में सरकार की पॉलिसी इस बार भी ठेकेदारों को रिझा नहीं पाई हैण् पुराने दुकानदारों को नवीनीकरण का मौका देने के बावजूद गारंटी बढ़ने से दुकानें महंगी हो गई और ठेकेदार पीछे हट गएण् वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले समस्त जिलों में आबकारी अधिकारी ठेकेदारों से वार्ता कर दुकानों के सेटलमेंट में लगे हुए हैंण् लेकिन उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैण् विभाग नवीनीकरण में नहीं होने वाली समस्त दुकानों को ऑक्शन में शामिल करेगा।


