फर्जी दस्तावेजों से मिली नौकरी, फिर निदेशक अब महेन्द्र खडग़ावत बने आई.ए.एस

फर्जी दस्तावेजों से मिली नौकरी, फिर निदेशक अब महेन्द्र खडग़ावत बने आई.ए.एस

खुलासा न्यूज, बीकानेर। फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे पहले नौकरी मिली, फिर साल दर साल प्रमोशन हुए और नौकरी 25 साल निकल गए। नौकरी के बाद महेन्द्र खडग़ावत राजस्थान राज्य अभिलेखागार में निदेशक बन गए। अब आई.ए.एस. बने है।

यह जानना जरूरी
बीकानेर में वर्तमान में राजस्थान राज्य अभिलेखागार में कार्यरत निदेशक महेन्द्र खडग़ावत 1992 में आरपीएससी से पुरालेखपाल के पद पर नियुक्त हुए थे। महेन्द्र ने दो वर्ष का इतिहास अध्यापन का अनुभव प्रमाण पत्र आवेदन के साथ लगाया, जो अरविन्द माध्यमिक विद्यालय बीकानेर का बताया। एसीबी ने पड़ताल की तो सामने आया कि अनुभव प्रमाण पत्र डीओ कार्यालय से जारी नहीं हुआ। उस समय स्कूल भी माध्यमिक स्तर की थी, जिसमें इतिहास विषय ही नहीं था।
राजस्थान सरकार ने जांच में यह पाया था कि महेन्द्र खडग़ावत की नौकरी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लगी थी और सरकार ने एसीबी में रिपोर्ट भेजकर परिवाद भी दर्ज करवाया था।

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