आइआइटी कानपुर का अनुमान: कोरोना की चौथी लहर जून में आएगी, अगस्त में आएगा पीक

आइआइटी कानपुर का अनुमान: कोरोना की चौथी लहर जून में आएगी, अगस्त में आएगा पीक

नईदिल्ली. आप अगर देश में ओमिक्रॉन वाली कोरोना की तीसरी लहर खत्म होने से तसल्ली से बैठे हैं तो सावधान हो जाइये। दो बार कोरोना को लेकर सटीक दावे कर चुके आइआइटी कानपुर ने चौथी लहर आने की तारीख बता दी है। नई कैलकुलेशन के मुताबिक देश में 22 जून से चौथी लहर शुरू हो जाएगी। इस दौरान 23 अगस्त तक यह पीक पर पहुंचेगी और कम से कम अक्टूबर तक चलेगी।

आइआइटी कानपुर का इससे पहले देश में तीसरी लहर को लेकर जारी अनुमान भी सही साबित हुआ था।

चलिए जानते हैं कि देश में कब आ सकती है कोरोना की चौथी लहर रिसर्चर्स ने किस आधार पर की ये स्टडी अब तक की तीन लहर कैसी रहीं
लेकिन इससे पहले एक पोल में हिस्सा लेकर आप अपनी राय दे सकते हैं।

एमइडीआरएक्सआइवी पर पब्लिश हुई स्टडी रू ये स्टडी आइआइटी कानपुर के मैथमेटिक्स और स्टैटिस्टिक्स डिपार्टमेंट के प्रोफेसर शलभ, एसोसिएट प्रोफेसर शुभ्रा शंकर धर और उनके स्टूडेंट सब्र प्रसाद राजेशभाई ने की है। इसे हेल्थ साइंस पर अनपब्लिश्ड प्रिंट ऑनलाइन जारी करने वाली चर्चित वेबसाइट डमकत्गपअ ने 24 फरवरी को पब्लिश किया है।
पहला केस मिलने से 936 दिन पर चौथी लहर रिसर्चर्स का कहना है कि भारत में कोरोना का पहला केस आने के 936 दिन बाद चौथी लहर शुरू हो सकती है। देश में आधिकारिक तौर पर कोरोना का पहला केस 30 जनवरी 2020 को सामने आया था।
15 से 31 के बीच पीक आने का अनुमान स्टडी के मुताबिक, चौथी लहर के 22 जून 2022 से शुरू होने और 24 अक्टूबर तक खत्म होने का अनुमान है। चौथी लहर का पीक 15 से 31 अगस्त के बीच रहेगा। इस दौरान 23 अगस्त को सबसे ज्यादा नए केस सामने आएंगे। उसके बाद केस घटने लगेंगे।
नए वैरिएंट से तय होगी गंभीरता रू स्टडी के मुताबिक चौथी लहर की गंभीरता कोरोना के नए वैरिएंट के आने और देश में वैक्सीनेशन की स्थिति पर निर्भर करेगी।
2 बार सही साबित हो चुका है आइआइटी कानपुर आइआइटी कानपुर के रिसर्चर्स ने देश में तीसरी बार कोरोना लहर को लेकर भविष्यवाणी की है। तीसरी लहर को लेकर उनकी भविष्यवाणी लगभग सही साबित हुई थी।

मैथमैटिकल मॉडल के आधार पर की गई है भविष्यवाणी
चौथी लहर की भविष्यवाणी करने वाले आइआइटी कानपुर के रिसर्चर्स ने इसके लिए बूटस्ट्रैप और गाउसीय डिस्ट्रिब्यूशन जैसी स्टैटिस्टिकल मेथेड का यूज किया।
रिसर्चर्स ने चौथी लहर के पीक के टाइम पॉइंट के बीच कॉन्फिडेंस इंटरवल की कैलकुलेशन की। कॉन्फिडेंस इंटरवल स्टैटिस्टिक्स में इस्तेमाल होने वाला एक मैथड हैए जिसके जरिए सैंपलिंग मैथड में अनिश्चितता या निश्चितता की डिग्री को मापा जाता है।
रिसर्चर्स का कहना है कि इस मैथड का इस्तेमाल करके न केवल चौथी लहर बल्कि अन्य देशों में आने वाली लहरों की भी भविष्यवाणी की जा सकती है।
इस स्टडी के रिसर्चर्स ने कहा कि भारत समेत कई देशों में तीसरी लहर आ चुकी है। वहीं साउथ अफ्रीका और जिम्बाब्वे जैसे देशों में चौथी लहर भी आ चुकी है।
रिसर्चर्स ने देश में तीसरी लहर की भविष्यवाणी के लिए जिम्बाब्वे के डेटा का यूज किया थाए जो सही साबित हुआ। इस से प्रेरित होकर उन्होंने चौथी लहर को लेकर काम करना शुरू किया। चौथी लहर के लिए भी रिसर्चर्स ने जिम्बाब्वे के डेटा का ही सहारा लिया है।
जिम्बाब्वे और साउथ अफ्रीका जैसे अफ ्रीकी देशों से ही कोरोना के वैरिएंट ओमिक्रॉन की शुरुआत हुई थीए जहां से निकलकर ये भारत समेत दुनिया के कई देशों में तीसरी लहर की वजह बना।

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