
गंगाशहर से आई बड़ी खबर, इस मैदान पर काटी कॉलोनी, रावण दहन व गणगौर मेले पर छाए संकट के बादल







बीकानेर. नगर निगम ने अपने कर्मचारियों के लिए फि र से इसी मैदान पर नवल विहार आवासीय योजना की घोषणा कर दी। जिसको लेकर सामाजिक संगठनों क्षेत्रवासियों में भारी रोष व्याप्त है। करीब चार दशक पहले नगर निगम की ओर से भीनासर के मुरली मनोहर मैदान में काटी गई। जिस आवासीय कॉलोनी के पट्टे क्षेत्रवासियों के विरोध के चलते निरस्त करने पड़े थे। ऐसे में जिस मैदान में पिछले कई दशकों से गणगौर मेला, रावण दहन, संत-महात्माओं के प्रवचन, चातुर्मास, विशाल जागरण होते रहते हैं अब इन कार्यक्रमों पर भी संकट के बादल गहराने लगे हैं। उसी मैदान पर आवासीय कॉलोनी काटना नगर निगम के योजना कारों की सोच पर प्रश्नवाचक चिन्ह लगाता है। जानकार सूत्रों ने बताया कि नगर निगम के अधिकारियों ने करीब 15 से 20 दिन पहले कॉलोनी काटने की घोषणा कर दी। क्षेत्रवासियों को खबर मिलते ही विरोध के स्वर उठने लग गए है। इसी मैदान के पास स्थित राजकीय जवाहर उच्च माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए करीब चार दशक पहले यह भूमि छुडवाई गई थी तथा इस भूमि पर बहुउद्देशीय खेल के मैदान बनाने की योजना भी पिछले कई वर्षो से विचाराधीन है। इसको लेकर सर्व समाज तथा क्षेत्र के सामाजिक संगठनों के नेतृत्व में मुरलीमनोहर मैदान के पास ओम शांति भवन में शनिवार रात को एक बैठक का आयोजन हुआ। क्षेत्र वासियों का आरोप है कि मुरलीमनोहर मैदान यहां के लोगों का धार्मिक व आस्था का केन्द्र है। क्षेत्र के दिलीप सोलंकी ने बताया कि इसी मैदान में आध्यात्मिक संत रामसुखदास महाराज के चार बार चार्तुमास हो चुके है तथा इसी मैदान में सेठ बंशीलाल राठी की बगेची में पिछले करीब 50 वर्षो से अवधूत संत पूर्णानंद महाराज की पुण्यतिथि पर सात दिवसीय आयोजन होता है जिसमें संत के अनुयायियों के साथ पूरे देशभर से कलाकार यहां आकर भक्ति संगीत की प्रस्तुतियां देते रहे है। पूर्णेश्वर सोसायटी के गजेन्द्र सैनी ने बैठक में कहा कि मुरलीमनोहर मैदान विभिन्न धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का स्थल हैं। मुरलीमनोहर गौशाला के प्रतिनिधि दुर्गाप्रसाद मिमाणी ने मैदान को सुरक्षित रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। आजाद क्लब भीनासर के महेन्द्र पड़िहार ने कहा कि मुरलीमनोहर मैदान खेलप्रेमियों का पिछले कई दशकों से प्रमुख स्थल रहा है। यहां कई तरह के राज्य एवं राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता हो चुकी है। कृष्णा फाउण्डेशन के ताराचंद नोखवाल ने बताया कि आज से 40 वर्ष पूर्व भी नगर निगम इसी मैदान पर कॉलोनी काट चुका था, लेकिन क्षेत्रवासियों के भारी विरोध के चलते उस समय उसी आवासीय कॉलोनी के पट्टे निरस्त करने पड़े थे। तरूण सेवा समिति के लक्ष्मीनारायण प्रजापत ने कहा कि इस मैदान पर पिछले कई दशकों से रावण दहन का कार्यक्रम होता है जिसमें आस-पास के क्षेत्र के हजारों लोग एकत्रित होते है। इसी तरह यहां आयोजित होने वाले गणगौर मेले में भी यहां के लोगों का आकर्षण का केन्द्र रहा है। बैठक में उपस्थित मुरलीमनोहर गोचर भूमि से जुड़े कैलाश सोलंकी ने कहा कि यह मैदान भीनासर समाज की सांस्कृतिक राजधानी है वह इसकी गरिमा को बचाना सभी भीनासर व बीकानेरवासियों का स्वाभाविक कर्तव्य है। कार्यक्रम में भीनासर क्षेत्र के पार्षद प्रतिनिधि कुलदीप कड़ेला ने कार्यक्रम के प्रति अपना समर्थन जताया। पार्षद बजरंग सोखल ने अपने विचार व्यक्त किए। समाजसेवी शिखरचंद डागा ने भी इस मैदान की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। बैठक में बद्री गहलोत , गोपाल राठी, झंवरलाल पन्नु, अनमोल सोलंकी, घनश्याम हर्षवाल, शिव सुथार, हेमंत कतेला, लालचंद गहलोत समेत सर्वसमाज के लोग मौजूद रहे।


