महापौर को लेकर आ सकता है बड़ा भूचाल





बीकानेर। नगर निगम चुनाव के बाद अब महापौर के नाम के दोनों ही दलों ने अपने अपने उम्मीदवारों के नामांकन भरवा दिये है। जहां भाजपा को पूर्ण विश्वास है कि बोर्ड उनका ही बनेगा क्योंकि उनके पास 38 पार्षद जीत कर आये है वहीं 6 निर्दलीयों ने साथ दिया है। लेकिन कांग्रेस के मंत्री बीडी कल्ला बार बार ये दावा कर रहे है कि निगम में बोर्ड कांग्रेस का ही बनेगा। इससे ये लगता है कही भाजपा के महापौर उम्मीदवार से नाराज कही क्रांस वोटिग ना कर दे इसलिए भाजपा ने अपने सभी पार्षदों को बाडेबंदी कर रखी है। महापौर चुनाव को लेकर सियासी भूचाल आने की आहट अब साफतौर पर सुनाई देने लगी है। आगामी 26 नवम्बर को होने वाले महापौर के चुनाव को लेकर भले ही भाजपा बहुमत का आंकड़ा अपने हाथ में लेकर बैठने का दावा कर रही है, लेकिन यह आंकड़ा उनके हाथ से सरक भी सकता है। इसी आशंका के चलते केन्द्रीय राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल खेमे में खलबली मचनी शुरू हो गई। पुख्ता खबर यह आ रही है कि भाजपा की ओर से महापौर पद के लिए तय किए गए प्रत्याशी को लेकर कई पार्षद अब भी असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। इसके अलावा उपमहापौर के लिए भी दावेदारों की संख्या बढने से असंतोष का ग्राफ चढता नजर आ रहा है। ऐसे में कहा जा रहा है कि असंतुष्ट पार्षद चुनाव के दौरान अपना विरोध जाहिर कर सकते हैं। सूत्रों का दावा है कि असंतुष्ट पार्षद चुनाव में भले ही क्रॉस वोटिंग नहीं करें, लेकिन वे अपने विरोध का दूसरा रास्ता जरूर अख्तियार कर सकते है, जिससे बहुमत का समीकरण ही गडबडा जाए। इन्हीं खबरों के सहारे कांग्रेस भी अब महापौर चुनाव को लेकर पूरी मुस्तैदी दिखा रही है। कांग्रेस नेताओं का दावा है कि भाजपा के असंतुष्ट उनका काम काफी आसान कर सकते हैं। ऐसे में उन्हें पिफलहाल जोड़-तोड़ की जरूरत नहीं है। हालांकि पार्टी करीब सात निर्दलीयों का समर्थन हासिल करने का दावा पहले ही कर चुकी है, ऐसे में भाजपा के असंतुष्ट पार्षदों की क्रॉस वोटिंग अथवा मतपत्र खाली छोडऩे जैसी कोई भी हरकत कांग्रेस के लिए ऑक्सीजन का काम कर सकती है।

