
उपमुख्यमंत्री के चयन को मिली मात,तो मंत्रियों के उम्मीदवार भी हारे



बीकानेर। नगर निगम चुनावों में टिकटों को लेकर जहां भाजपा में जबर्दस्त उबाल था तो कांग्रेस में भी तनातनी का आलम देखने को मिला। हालात ये रहे कि दस जनपथ से लेकर उपमुख्यमंत्री तक की चौखट खटखटाने वाले टिकटधारियों को उनके ही कार्यकर्ताओं ने मात दे दी। यानि उनकी पसंद को भी जनता के साथ साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नकार दिया। यहीं नहीं केन्द्रीय मंत्री और प्रदेश के दो म ंत्रियों के चेहतों को भी कार्यकर्ताओं ने ही करारा जबाब दिया। जानकारी मिली है कि दस जनपथ से टिकट की हरी झंडी लाने वाले वार्ड तीन के कांग्रेस प्रत्याशी लक्ष्मण गहलोत चौथे नंबर पर रहे। उन्हें अपने ही पार्टी के बागी उम्मीदवार से मात मिली। तो उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने वार्ड 35 में रामचंद्र गुर्जर के लिये सिफारिश की थी। जिसे भी जनता ने नकारते हुए पिछले विधानसभा चुनाव सेकांग्रेस के लिये सक्रियता से काम करने वाले युवा कार्यकर्ता मनोज विश्नोई को आशीर्वाद दिया। इस चुनाव में चर्चा का विषय बना वार्ड 35 से कांग्रेस प्रत्याशी की हार ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस शुरू कर दी है।
मंत्री भाटी के उम्मीदवार भी हारे
बताया जा रहा है कि निगम चुनाव दोनों ही राजनीतिक पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं के लिये चुनौती साबित हुआ है। जिसकी मूल वजह दोनों ही पार्टियों के जिस वरिष्ठ नेता या मंत्री ने किसी की सिफ ारिश की वो चुनाव हार गया। केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का भंाजा वार्ड 71 से सुरेन्द्र हटीला,उनका ड्राइवर,काबिना मंत्री बी डी कल्ला के निकटतम देवेन्द्र बिस्सा,मंत्री भंवरसिंह भाटी के बुआ की पुत्र वधुएं वार्ड 36 से किरण कंवर और वार्ड 37 से रेखा कंवर को भाजपा के दो युवा नेता ओं भगवान सिंह मेड़तिया व श्याम सिंह हाडलां ने आईना दिखाया। मजे की बात ये है कि इन वार्डो में बीकानेर के प्रभारी मंत्री और शिक्षा मंत्री ने भी अपने समाज के लोगों को कांग्रेस के पक्ष में वोट देने के लिये एडी चोटी का जोर लगा दिया था। फिर भी कड़ी से कड़ी जोडऩे में कामयाब नहीं हो सके।




